चंडीगढ़: अमेरिका में अवैध रूप से निवास कर रहे भारतीयों के खिलाफ बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के तहत बुधवार को अमेरिकी सैन्य विमान से 104 भारतीयों को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर भेजा गया। इन निर्वासितों ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि कैसे अमेरिका भेजने का वादा करने वाले एजेंटों ने उन्हें धोखा दिया और उनके साथ बुरा व्यवहार किया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरे सफर के दौरान कई निर्वासितों को हथकड़ियां और बेड़ियां पहना कर लाया गया।
हथकड़ियों और बेड़ियों में बंधे हुए थे भारतीय प्रवासी
इन निर्वासितों में से एक, जसपाल सिंह ने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद ही उनकी बेड़ियां खोली गईं। जसपाल ने कहा कि 24 जनवरी को अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उन्हें पकड़ लिया था। उन्होंने बताया कि पहले तो उन्हें यही लगा कि उन्हें दूसरे शिविर में भेजा जा रहा है, लेकिन बाद में एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया कि वे भारत भेजे जा रहे हैं।
एजेंटों के धोखे के हुए शिकार
जसपाल ने बताया कि वह पिछले साल जुलाई में ब्राजील पहुंचे थे, जहां उनके साथ यह वादा किया गया था कि उन्हें अमेरिका भेजने के लिए उचित वीजा दिया जाएगा। लेकिन एजेंटों ने उन्हें धोखा दिया और उन्हें अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद, जब वह अमेरिका पहुंचे, तो उन्हें अमेरिकी सीमा गश्ती ने गिरफ्तार कर लिया और 11 दिनों तक हिरासत में रखा। अब उन्हें भारत भेजने के आदेश दिए गए थे। उनका कहना था, “हमने जो रकम खर्च की थी, वो पूरी तरह से बेकार हो गई। 30 लाख रुपये देने के बाद एजेंट ने मुझे धोखा दिया।”
बेहतर भविष्य के नाम पर खर्च डाली जमा-पूंजी
जसपाल के चचेरे भाई जसबीर सिंह ने कहा कि वह बुधवार सुबह मीडिया के माध्यम से उनके निर्वासन के बारे में जान पाए। जसबीर ने कहा, “हमने विदेश जाने के लिए बहुत बड़ी रकम खर्च की थी। हम अपने परिवारों का भविष्य बेहतर बनाने की उम्मीद में गए थे, लेकिन अब वह सपना टूट चुका है।”
कई बाधाओं को पार कर पहुंचे थे अमेरिका, हुई वापसी
हरविंदर सिंह, जो कि होशियारपुर के टाहली गांव के निवासी हैं, ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि वह पिछले साल अगस्त में अमेरिका गए थे और रास्ते में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया, “हमने पहाड़ियां पार कीं, एक नाव समुद्र में पलटने वाली थी, लेकिन जैसे-तैसे हम बच गए। हमें कभी चावल मिलते थे, कभी खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था।”
भारत और अमेरिका के रिश्तों में मामला नया मोड़
अमेरिकी सैन्य विमान से इन 104 भारतीयों का निर्वासन कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन में हुई मुलाकात से पहले हुआ था। इस पूरे मामले में विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल उठाए हैं, और विदेश मंत्री एस जयशंकर से जवाब की मांग की है। पंजाब पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों ने अमृतसर एयरपोर्ट पर इन निर्वासितों से पूछताछ की ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है।
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