नयी दिल्ली : Palestine Remain UN Member : संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा के विशेष सत्र की सुबह आपातकालीन बैठक हुई, जहां मई महीने के लिए महासभा के अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात ने वैश्विक संस्था में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के समर्थन में अरब समूह का प्रस्ताव ‘संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों का प्रवेश’ प्रस्तुत किया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें कहा गया है कि फिलिस्तीन इस वैश्विक संस्था का पूर्ण सदस्य बनने के योग्य है और उसे सदस्यता दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा के विशेष सत्र की सुबह आपातकालीन बैठक हुई, जहां मई महीने के लिए महासभा के अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात ने वैश्विक संस्था में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के समर्थन में अरब समूह का प्रस्ताव ‘संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों का प्रवेश’ प्रस्तुत किया।
क्या था प्रस्ताव
193 सदस्यीय महासभा ने शुक्रवार की सुबह एक आपातकालीन विशेष सत्र के लिए बैठक की। इस दौरान अरब देशों की ओर से फिलिस्तीन के समर्थन में ‘संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों का प्रवेश’ प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव के पक्ष में 143 मत पड़े। जबकि नौ ने विरोध में वोट किए। वहीं, 25 ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। वोट डाले जाने के बाद यूएनजीए हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। प्रस्ताव में कहा गया था कि फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र में सदस्य बनने के योग्य है और उसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद-4 के अनुसार शामिल किया जाना चाहिए
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़िलिस्तीन के प्रस्ताव पर बात गाजा पट्टी में इज़रायल और हमास के बीच युद्ध के सात महीने बाद हुई है। कारण, इज़रायल कब्जे वाले वेस्ट बैंक में अपनी बस्तियों का विस्तार कर रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र अवैध मानता है।
Palestine Remain UN Member: भारत समेत 143 देशों का समर्थन
भारत समेत 143 देशों ने UNGA के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में वोटिंग करते हुए फिलिस्तीन को सदस्य बनने योग्य माना है। ड्राफ्ट में कहा गया था कि फिलिस्तीन योग्य है और पूर्ण सदस्य देश के रूप में उसे शामिल किया जाना चाहिए। इसमें सिफारिश की गई कि सुरक्षा परिषद इस मामले पर एक बार फिर से विचार करे।
फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर क्या बोले?
संयुक्त राष्ट्र में जब फिलिस्तीन को यूएन का सदस्य बनाने को लेकर चर्चा चल रही थी, तभी फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने कहा , ‘हम शांति चाहते हैं, हम आजादी चाहते हैं। हां का वोट फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के लिए है, यह किसी राज्य के खिलाफ नहीं है. यह शांति के लिए है।’
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