उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में राजपरिवारों के बीच संपत्ति के बंटवारे का मामला अब सड़क पर आ चुका है। सिटी पैलेस के बाहर दो गुटों के बीच पथराव हो रहा है, इस घटना में 3 लोगों के घायल होने की भी खबर है। संपत्ति के इस बंटवारे में महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ के समर्थक आपस में ही सिर फोड़वा रहे हैं।
विवाद की शुरूआत कैसे हुई
इस राजपरिवार को महाराणा प्रताप का वंशज कहा जाता है। चितौड़गढ़ दुर्ग में नाथद्वारा के विधायक और राजपरिवार के मेंबर महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का 25 नवंबर को पारंपरिक रूप से राजतिलक किया गया। राजतिलक के बाद सिटी पैलेस जाकर धुणी माता का आशीर्वाद लेने का प्रोग्राम था। विश्वराज सिंह अपने पूरे समर्थकों के साथ धूमधाम से सिटी पैलेस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने पैलेस के बाहर बैरिकेडिंग कर रखी थी।
इसके कारण विश्वराज सिंह के समर्थक नाराज हो गए और पुलिस के साथ समर्थकों की जमकर नोंक-झोंक हुई। समर्थकों ने बैरिकेड्स को तोड़कर पैलेस के भीतर घुसने का प्रयास किया। इसी दौरान दूसरे पक्ष के समर्थक भी वहां पहुंच गए और फिर दोनों के समर्थकों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
सिटी पैलेस का मालिकाना हक अरविंद सिंह मेवाड़ के पास
दरअसल वर्तमान में सिटी पैलेस अरविंद सिंह मेवाड़ के मालिकाना हक में है। अरविंद सिंह दिवंगत भगवंत सिंह मेवाड़ की वसीयत के अनुसार, ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। इसी कारण मालिक पक्ष की ओर से पैलेस में एंट्री देने से इंकार किया गया। पुलिस ने केवल तीन गाड़ियों की एंट्री को स्वीकृति दी, लेकिन समर्थकों की मांग थी कि 10 गाड़ियों को भीतर जाने की अनुमति दी जाए।
विश्वराज सिंह ने दी प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद पर विश्वराज सिंह ने कहा कि रीत निभाने से रोकना गलत है। भगवान एकलिंगनाथ की कृपा पूरे मेवाड़ पर बनी रहे। उन्होंने बताया कि राजतिलक 452 साल पुरानी परंपरा है। इस घटना पर जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि महल और समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत जारी है। वे कुछ मुद्दों पर सहमत हो गए हैं और अन्य मुद्दों पर बातचीत चल रही है।
कौन हैं विश्वराज सिंह मेवाड़
विश्वराज सिंह मेवाड़ नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और 452 साल पुरानी परंपरा के तहत उनका राजतिलक किया गया। पगड़ी बांधने का यह रिवाज चितौड़गढ़ जिले के फतहप्रकाश महल में निभाई गई। इस रिवाज के दौरान सलूम्बर के रावत देवब्रत ने अंगुली काटकर खून से तिलक किया। विश्वराज सिंह की पत्नी महिमा कुमारी मेवाड़ भी राजसमंद से बीजेपी की सांसद हैं।
महाराणा प्रताप का भी हुआ खून से तिलक
बता दें कि खून से राजतिलक करने की परंपरा महाराणा प्रताप के समय भी हुई थी। तब तिलक करने के लिए किसी को कुमकुम नहीं मिला था और चुंडाजी के वंशज वरिष्ठ रावत ने गोगूंदा में महाराणा प्रताप का तिलक अपनी अंगुली काटकर खून से किया था।