Home » कृषि मंत्री ने अधिकारियों संग की बैठक, राज्य को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाने का दिया लक्ष्य

कृषि मंत्री ने अधिकारियों संग की बैठक, राज्य को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाने का दिया लक्ष्य

by Yugal Kishor
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने गुरुवार को कहा कि झारखंड राज्य को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। रांची स्थित पशुपालन निदेशालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बीज निगम और जीव जंतु कल्याण बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं ताकि झारखंड बीज के मामले में दूसरे राज्यों पर निर्भर न रहे।

दूसरे राज्यों पर निर्भरता होगी कम

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बैठक के बाद कहा कि राज्य में बीज उत्पादन की स्थिति वर्तमान में अन्य राज्यों पर निर्भर है। राज्य हर साल करोड़ों रुपये बीज खरीद और वितरण पर खर्च करता है। उन्होंने कहा कि आज देश के कई राज्य बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं और दूसरों को बीज सप्लाई भी कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि झारखंड आने वाले समय में बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बने और हमें अन्य राज्यों से बीज की खरीदारी के लिए निर्भर न रहना पड़े।

कर्नाटक जैसी योजना पर करेंगे काम

उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में विभाग की टीम ने कर्नाटक राज्य का दौरा किया, जहां बीज उत्पादन के क्षेत्र में शानदार कार्य हो रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि कर्नाटक ने बीज उत्पादन को लेकर जो नीति और शोध अपनाया है, उसे हमें भी अपनाने की जरूरत है। इससे झारखंड में बीज उत्पादन और वितरण की प्रक्रिया में सुधार आएगा। जिससे राज्य इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना पाएगा।

सेमिनार में जुटेंगे विशेषज्ञ

पशु कल्याण के मुद्दे पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में बहुत जल्द एक वृहद सेमिनार आयोजित किया जाएगा। जिसमें एनजीओ और पशु कल्याण से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि पशु कल्याण से संबंधित कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर विभाग के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है। लेकिन एनजीओ इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर उनका काम दिखाई भी देता है। हम इस तरह के एनजीओ के अनुभव और उनके किए गए अध्ययन से लाभ उठाने के लिए एक वृहद सेमिनार आयोजित करेंगे। पशु कल्याण के लिए यह जरूरी है कि विभाग और एनजीओ मिलकर काम करें ताकि राज्य में पशुओं के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। यह सेमिनार राज्य में पशु कल्याण के मामलों में बेहतर नीति और क्रियावली तैयार करने में मदद करेगा।

Related Articles