झारखंड का सबसे प्राचीन मंदिर कौन सा है? जानिए इसके रहस्यमयी इतिहास के बारे में!

झारखंड का  सबसे पुराना मंदिर

जानिए वह ऐतिहासिक मंदिर जो श्रद्धा, इतिहास और वास्तुशिल्प का अद्भुत संगम है।

देवघर श्रद्धा की नगरी

देवघर को झारखंड का धार्मिक हृदय कहा जाता है, जहां स्थित है बाबा बैद्यनाथ मंदिर।

बाबा बैद्यनाथ  12 ज्योतिर्लिंगों में से एक

यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

8वीं सदी की वास्तुकला

मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ और आज भी अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।

श्रावणी मेला भक्तों की भीड़

सावन के महीने में लाखों कांवरिये जल चढ़ाने आते हैं।

रावण से  जुड़ी है मान्यता

मान्यता है कि रावण ने शिव को प्रसन्न कर इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।

तांत्रिक साधना का केंद्र

यह मंदिर तांत्रिकों के लिए भी एक खास साधना स्थल माना जाता है।

शांति और आध्यात्म का अनुभव

मंदिर परिसर में बैठने से ही आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।

श्रद्धा से भरा हर कोना

मंदिर के हर हिस्से में आस्था की गूंज और भक्ति की भावना महसूस होती है।

झारखंड की शान  बैद्यनाथ धाम

झारखंड का गौरव और श्रद्धा का प्रतीक है यह प्राचीन मंदिर।