Home » Jharkhand News : नक्सल विरोधी अभियान के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से द्वितीय कमान अधिकारी एमपी सिंह की मौत

Jharkhand News : नक्सल विरोधी अभियान के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से द्वितीय कमान अधिकारी एमपी सिंह की मौत

देर रात सभी घायल जवानों को टाटा अस्पताल नोवामुंडी में कराया गया था भर्ती

by Rajeshwar Pandey
lightning in Saranda forest CRPF's second command officer died during treatment Chaibasa jharkhand
WhatsApp Group Join Now
Instagram Follow Now

चाईबासा : झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा के बालिबा में गुरुवार शाम 5.30 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ था। घने जंगलों में बने सीआरपीएफ 26 बटालियन के कैंप पर वज्रपात हो गया था, जिसकी चपेट में आकर 4 जवान घायल हो गए थे। इनमें सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी एम प्रोबो सिंह भी थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि, तीन घायल जवान अब भी इलाजरत हैं।

शहीद एम पी सिंह

जानकारी के अनुसार सारंडा में वज्रपात से घायलों में सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी एम प्रोबो सिंह, सहायक कमांडेंट सुबीर कुमार मंडल, झारखंड जगुआर के एएसआई सुरेश भगत और एएसआई चंदलाल हांसदा को नोवामुंडी स्थित अनुमंडल अस्पताल व टाटा मेन हास्पिटल ले जाया गया था, जहां सभी का इलाज चल रहा है। तीन घायल जवानों की हालत भी नाजुक बताई जा रही है। नक्सल प्रभावित इस इलाके में तैनात सुरक्षाकर्मी पहले से ही खतरों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में अब प्रकृति के कहर से जवानों पर आफत टूट कर गिरी है। आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया की वज्रपात की गूंज इतनी तेज और डरावनी थी की बहुत दूर तक इसकी आवाज गयी थी, जिससे इलाके के लोग सहम गए थे।


हादसे की सूचना मिलते ही किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जनरल अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री के साथ राहत टीम रवाना की गई थी। बेहद कठिन हालात में घायलों को सीआरपीएफ कैंप से बाहर निकाला गया था। इसके बाद सभी घायलों को इलाज के लिए नोवामुंडी अस्पताल भेजा गया। घटना के तुरंत बाद प्रशासन की तत्परता ने हालात को संभालने में अहम भूमिका निभाई, जिसके कारण घायल जवानों को समय रहते जल्दी से अस्पताल ले जाया गया।


यहां इलाज के दौरान सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी एमपी सिंह की मौत हो गई। इस घटना से पुलिस विभाग में एक बार फिर मातम छा गया। पश्चिमी सिंहभूम जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि कर दी है। घटना के बाद कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथे ने बताया था कि कैंप में अचानक वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में आकर चार सुरक्षाबल के जवान घायल हैं। घायल जवानों को बेहतर इलाज देने और उनके जीवन की रक्षा के लिए जिला पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है। बता दें कि एक दिन पहले ही आईजी अखिलेश झा ने जवानों के साथ बैठक कर बड़े नक्सल विरोधी अभियान की रणनीति बनाई थी। लेकिन, इससे पहले ही चार जवान नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बने कैंप में प्राकृतिक आपदा के शिकार हो गए, जो चिंता का विषय है।

मणिपुर के रहने वाले थे एमपी सिंह

सीआरपीएफ के द्वितीय कमांडेंट एम पी सिंह मणिपुर के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि वज्रपात से हुई मौत के बाद शहीद पुलिस अधिकारी एमपी सिंह का पोस्टमार्टम जमशेदपुर में किया जाएगा। उसके बाद तमाम पुलिस के वरीय पदाधिकारी द्वारा सलामी देकर अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। उसके बाद उनका पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से कोलकाता होते हुए सीधे मणिपुर की राजधानी परेल पहुंचाया जाएगा। वहां उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जवानों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया रांची

पश्चिमी सिंहभूम जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि घायल जवानों को उच्चतम इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची भेजा गया है।

Read Also- Jharkhand News: हेडिंग : सारंडा में सीआरपीएफ कैंप पर जोरदार वज्रपात, चार जवान घायल

Related Articles