प्रयागराज : महाकुंभ के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम तट पर आस्था और आध्यात्मिकता का दृश्य अभूतपूर्व था। जहां एक ओर अखाड़ों के साधु-संत विशेष रीति से स्नान कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे थे। मेला प्रशासन के अनुसार, सुबह 10 बजे तक लगभग 1.38 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जबकि सुबह 8:30 बजे तक यह आंकड़ा 1 करोड़ था।

महाकुंभ-2025 का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के पहले शाही स्नान से हो चुका है। इस धार्मिक महासंगम का आगाज बुधवार, 14 जनवरी को हुआ, जब लाखों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना और ‘रहस्यमय’ सरस्वती नदियों के संगम में पवित्र डुबकी लगाई। महाकुंभ के पहले दिन करीब 1.60 करोड़ लोग गंगा में स्नान करने के लिए आए थे और आज भी यह संख्या 1 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
अमृत स्नान के लिए 40 मिनट का समय आवंटित
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी कहते हैं कि सभी अखाड़ों को अमृत स्नान के लिए 40 मिनट का समय आवंटित किया गया है। सभी अखाड़े एक-एक करके पवित्र स्नान करेंगे।
महाकुंभ का शाही स्नान और अखाड़ों का महत्व
महाकुंभ का पहला शाही स्नान विशेष महत्व रखता है। इसे ‘अमृत स्नान’ कहा जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रिवेणी संगम में स्नान करने से कई जन्मों के पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह मौका विशेष रूप से उन अखाड़ों को मिलता है, जिन्हें 13 वर्षों में एक बार शाही स्नान करने का अवसर मिलता है। इस साल सबसे पहले जूना अखाड़े के साधु-संतों ने स्नान किया, जो 14 जनवरी को सुबह 4 बजे से शुरू हुआ।

महाकुंभ के पहले शाही स्नान में बड़े पैमाने पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। हाथी, घोड़े और पालकी पर सवार होकर साधु-संत त्रिवेणी संगम पहुंचे, फिर गंगा में डुबकी लगाकर अपनी आस्था और श्रद्धा को व्यक्त किया। इस शाही स्नान का जुलूस शानदार था, जिसमें श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।

महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े का जुलूस
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान की शुरुआत महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के जुलूस से हुई। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर इस अखाड़े के साधु-संतों ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया। इसके बाद अन्य अखाड़ों के साधु-संतों ने भी स्नान किया। इस विशेष दिन पर विदेशी श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया और गंगा की पवित्रता में समाहित हो गए। कुछ विदेशी श्रद्धालुओं ने भजन गाए और भारतीय संस्कृति की महिमा का गान किया।

महाकुंभ शाही स्नान का शेड्यूल

महाकुंभ 2025 के शाही स्नान का शेड्यूल भी निश्चित किया गया है। मकर संक्रांति पर सुबह 6.15 बजे से स्नान का दौर शुरू होगा, जो दिनभर चलता रहेगा। प्रमुख स्नान समय का विवरण इस प्रकार है:
6.15 बजे – महानिर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने किया स्नान।
7.05 बजे – निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा ने किया स्नान।
8.00 बजे – जूना, आह्वहन, पंच अग्नि अखाड़ा का हुआ स्नान।
10.40 बजे – बैरागी अखाड़ा करेगा स्नान।
10.40 बजे – निर्मोही अखाड़ा करेगा स्नान।
11.20 बजे – दिगंबर अखाड़ा करेगा स्नान।
दोपहर 12.20 बजे – निर्वाणी अखाड़ा करेगा स्नान।
1.15 बजे – पंचायती नया उदासीन अखाड़ा करेगा स्नान।
2.20 बजे – पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन करेगा स्नान।
3.40 बजे – पंचायती निर्मल अखाड़ा करेगा स्नान।
सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता
महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं। पुलिस, अर्धसैनिक बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियां हर इलाके में तैनात हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ भीड़ नियंत्रण के लिए भी पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में हर गतिविधि हो रही है, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य शिविर, पीने के पानी की व्यवस्था और अन्य जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं।
महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। इस पवित्र अवसर पर लाखों लोग भाग लेकर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं। महाकुंभ के शाही स्नान के साथ यह महोत्सव अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रमाणित करता है।
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