नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम ने एशियाई (Asian Games 2023) खेलों के पुरुष हॉकी फाइनल में जापान को 5-1 से हराकर गोल्ड मेडल जीता लिया है। यह भारतीय टीम का एशियाई खेलों में चौथा गोल्ड मेडल है। इस जीत से भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।
इस मैच की शुरुआत में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। खेल का पहला क्वार्टर गोल रहित रहा, दूसरे क्वार्टर में मनप्रीत सिंह ने पहला गोल दागा। हालांकि शुरुआत से ही भारतीय हॉकी टीम ने दमदार खेल का प्रदर्शन करने का निर्णय ले किया था।
हाफ टाइम का खेल खत्म होने पर स्कोर 1-0 था. तीसरे क्वार्टर में भारत ने दो और गोल कर इस बढ़त को 3-0 कर लिया। तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत और अमित रोहिदास ने गोल दागे इस क्वार्टर का खेल खत्म होने तक भारत की बढ़त 3-0 थी, चौथे क्वार्टर में अभिषेक ने एक और गोल कर भारत की बढ़त को 4-0 कर दिया। इस क्वार्टर में जापान ने एक गोल दागे, मगर हरमनप्रीत ने पेनल्टी कॉर्नर में भारत के लिए पांचवां गोल कर बढ़त को 5-1 कर दिया और टीम इंडिया ने इसी स्कोर से मुकाबले को अपने नाम किया।
हरमनप्रीत सिंह ने ड्रैग फ्लिकर के माध्यम से दागा गोल
पांच में से एक पेनल्टी कॉर्नर को भुनाने में भारतीय हॉकी टीम ने दमदार प्रदर्शन किया। हाफ टाइम के बाद भी, भारत ने अपने आक्रमण को जारी रखा और जापानी खिलाड़ियों की गलती के परिणामस्वरूप वे 4 पेनल्टी कॉर्नर का मौका प्राप्त किए। हालांकि भारत इसे भुनाने में सफल नहीं रही। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने एक उत्कृष्ट ड्रैग फ्लिकर के माध्यम से गोल दागा किया। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय टीम ने इस मैच में बेहतर प्रदर्शन करते हुए और पेनल्टी कॉर्नर को सफलतापूर्वक भुनाया, जिससे उन्हें गोल की ओर आगे बढ़ने का मौका मिला।
भारतीय हॉकी टीम का चौथा गोल्ड मेडल
भारतीय हॉकी टीम ने एशियन गेम्स में एक शानदार प्रदर्शन करके चौथा गोल्ड मेडल जीता। मैच के तीसरे क्वार्टर में, अमित रोहिदास ने एक गोल करके भारत को 3-0 कर दिया। आखिरी क्वार्टर में अभिषेक ने भी गोल दागा और इसे 4-0 तक पहुंचा दिया। जापान ने आखिरी मिनट में एक गोल किया, लेकिन भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने गोल दागकर मैच को 5-1 से जीत लिया। इस जीत से भारतीय हॉकी टीम ने एशियन गेम्स में अपने लिए चौथा गोल्ड मेडल जीता, जिससे उनकी उच्चतम प्रशंसा हासिल हुई।
इससे पहले कब हुई जीत?
भारतीय टीम ने सफल प्रयास के बाद गोल्ड मेडल जीता है। एशियाई खेलों में भारतीय टीम ने अपनी बेहद खास जगह बनाई। भारतीय हॉकी टीम ने अपनी टीम बोंडिंग के साथ गोल्ड मेडल की प्राप्ति की। इससे पहले भारतीय टीम ने 1966, 1998 और 2014 में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं भारतीय टीम ने 9 सिल्वर और 2 ब्रांज मेडल भी जीते हैं।
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श्रीजेश ने एशियाई खेलों के शुरू होने से पहले कही थी ये बात
भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर एस श्रीजेश का करियर एक शानदार स्वर्ण पदक के साथ शुरू हुआ था। प्रतियोगिता के पहले उन्होंने यह घोषणा की थी कि वे इस आखिरी मुकाबले में उतरेंगे। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि जैसे मैंने अपने करियर की शुरुआत स्वर्ण पदक से की थी, उसी तरीके से मैं अंत भी स्वर्ण पदक से करूं।“ आज, श्रीजेश का यह सपना हकीकत बन गया है, जब भारतीय हॉकी टीम ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। उनकी यह कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने नए दौर के आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनाया है, और वे उन्हें अपना आइडल मानकर उनके पथ पर चलने का सपना देखते हैं।