Home » स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, अब आयुष्मान से मोतियाबिंद का ऑपरेशन सीधे निजी अस्पतालों में नहीं होगा

स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, अब आयुष्मान से मोतियाबिंद का ऑपरेशन सीधे निजी अस्पतालों में नहीं होगा

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now
  • जमशेदपुर : आयुष्मान योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब योजना के तहत निजी अस्पतालों में सीधे किसी भी मरीज का मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं होगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर कई तरह के
    फर्जीवाड़ा की शिकायत सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन करने वाले कई अस्पतालों के खिलाफ जांच भी चल रही है। इसमें
    जमशेदपुर के केसीसी अस्पताल भी शामिल है। इसकी जांच सिविल सर्जन डा. जुझार माझी खुद कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का निर्देश है कि कोई भी मोतियाबिंद के मरीज आयुष्मान योजना के तहत सीधे निजी अस्पतालों में ऑपरेशन नहीं कर सकता है। सबसे पहले उसे सरकारी अस्पताल में जाना होगा। अगर, उस अस्पताल में इसकी सुविधा नहीं है तो वह रेफर करा सकता है। इसके बाद ही निजी अस्पताल में उसका ऑपरेशन हो सकता है। हालांकि, यह नियम लागू होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। मरीज ऑपरेशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। निजी अस्पताल संचालकों की माने तो नया आदेश 13 जून को जारी हुआ है। तब से निजी अस्पतालों में मोतियाबिंद की सर्जरी लगभग बंद हो गई है। मरीजों को दर-दक भटकना पड़ रहा है।
    ———————–
    सिर्फ झारखंड में इस तरह के आदेश
    हॉस्पिटल संचालकों का कहना है कि इस तरह का आदेश सिर्फ झारखंड में हुआ है। देश के दूसरे राज्यों में इस तरह का नियम नहीं है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि जमशेदपुर के केसीसी हॉस्पिटल में नकली आंख लगाने के मामले को विभाग ने काफी गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की है। मोतियाबिंद ऑपरेशन को लेकर और भी कई शिकायतें आई है लेकिन यह मामला काफी चर्चित रहा है।
    —————-
    पहले निजी अस्पताल में सीधे होता था ऑपरेशन
    आयुष्मान योजना के तहत पहले निजी अस्पतालों में सीधे मोतियाबिंद मरीजों का ऑपरेशन होता था। उन्हें किसी से आर्डर या फिर रेफर कराने की जरूरत नहीं होती थी। अब बिना रेफर किसी मरीज का ऑपरेशन नहीं हो रहा है। एमजीएम अस्पताल या फिर सदर अस्पताल से रेफर कराना पड़ रहा है, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इधर, सिविल सर्जन डा. जुझार माझी का कहना है कि विभाग का निर्देश आया है। उसका पालन किया जा रहा है।
    —————–

Related Articles