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बिपरजॉय बरपा रहा कहर, मुंबई, भुज व राजकोट में 5 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री ने की हाइलेवल मिटिंग

by Rakesh Pandey
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गुजरात, पोरबंदर: बिपरजॉय बरपा रहा कहर बरपाना शुरू कर दिया है. गुजरात के तटीय जिलों कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. अभी तक 7500 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है. कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 15 किलोमीटर की सीमा में स्थित गांवों के 23 हजार लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. 150 मिलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. समुंद्री तटों पर ऊंची-ऊंची लहरों को देखा जा रहा है. वहीं गुजरात के तटवर्ती इलाकों में मछुआरों को समुंद्र से दूर रहने की सदाह दी गयी है. हजारों नावों को सोमवार को ही पार्क करा दिया गया था. वहीं नौ सेना भी स्थिति पर नजर बनाये हुए है. अरब सागर में उठा तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ रहा है. ये तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने की संभावना जताई जा रही है.

गुजरात के द्वारका से 290 किमी दूर है तूफान
मौसम विभाग के मंगलवार सुबह 9 बजे के अपडेट के मुताबिक, तूफान 8 किमी प्रति घंटे की स्पीड से नॉर्थ-वेस्ट में आगे बढ़ रहा है. तूफान मंगलवार सुबह 5:30 बजे पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जखौ पोर्ट से 340 किमी, नालिया से 350 किमी दूर था. मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात के 14 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है, जिसके बाद ये मुड़कर नॉर्थ-नॉर्थ ईस्ट दिशा में आगे बढ़ेगा.

प्रधानमंत्री ने ली मीटिंग : लोगों को सेफ जगह पहुंचाने को कहा
तूफान की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की, जिसमें गृह मंत्रालय, NDRF और सेना के अधिकारी मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने खतरे वाली स्थानों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. इस दौरान कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेगा वहीं एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया ताकि ताकि जान-माल की हानी को कम किया जा सके.

10 दिन तक रह सकता है बिपरजॉय तूफान का असर
बिपरजॉय तूफान अरब सागर से 6 दिन पहले उठा था. इसका असर 10 दिनों तक रह सकता है. आईआईटी मद्रास की स्टडी के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान लगातार और गंभीर होते जा रहा है. पिछले चार दशकों में अरब सागर में साइक्लोन के ड्यूरेशन में 80% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि बहुत गंभीर चक्रवातों की समय-सीमा में 260% का इजाफा देखा गया. समुद्र के ऊपर एक चक्रवाती तूफान जितने अधिक समय तक रहता है, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा और नमी जमा होने की संभावना होती है. जिससे तूफान के और अधिक खतरनाक होने और जमीन से टकराने के बाद नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है.

अगले चार दिन का मौसम का अनुमान

-उत्तर-पूर्व भारत: बड़े इलाकों में हल्की बारिश का अनुमान। बीच-बीच में कुछ इलाकों में तेज बारिश हो सकती है.
-पूर्व भारत: हिमालय की तराई वाले पश्चिम बंगाल और सिक्किम के इलाकों में अगले 36 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
-अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अगले तीन दिन तक अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है.
-उत्तर पश्चिम भारत: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले तीन से चार दिन तक ओले गिरने का अनुमान है.
-राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में 15 जून को तेज आंधी-तूफान का अनुमान है.
-पश्चिम भारत: कोंकण और गोवा के इलाकों में आज और गुजरात में 15 जून को भारी बारिश का अनुमान है।
-सौराष्ट्र और कच्छ में 14 जून को अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश और 15 जून को तूफानी बारिश का अनुमान है.
-दक्षिण भारत: तटीय कर्नाटक में आज और अगले 36 घंटों में केरल के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है.
-लू की चेतावनी: बिहार, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश में अगले चार दिन तक लू चलने का अनुमान है.
-13 जून तक हरियाणा-दिल्ली, दक्षिण उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लू चल सकती है.

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