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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने क्यों कहा सुप्रिया सुले को गाजा भेज देना चाहिए?

by Rakesh Pandey
बिस्वा ने क्यों कहा सुप्रिया सुले को गाजा भेज देना चाहिए?
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सेंट्रल डेस्क: हमास और इजराइल के बीच 13 दिनों से जंग जारी है। इस मुद्दे पर भारत में भी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर चल रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को शरद पवार की आलोचना करने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर पलटवार किया है। जिसमें सरमा ने कहा था कि ऐसा लगता है कि शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को हमास के लिए लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे। एनसीपी चीफ शरद पवार ने फिलिस्तीन के समर्थन में बयान दिया था। इस पर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने पवार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है, शरद पवार साहब, सुप्रिया सुले मैडम को हमास की तरफ से लड़ाई लड़ने के लिए भेजेंगे?

बिस्वा ने क्यों कहा सुप्रिया सुले को गाजा भेज देना चाहिए? शरद पवार के बयान पर मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा ने दिया था जवाब

दरअसल, शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, मुझे लगता है कि शरद पवार हमास की ओर से लड़ने के लिए सुप्रिया (सुले) को गाजा भेजेंगे। इस पर सांसद सुप्रिया सुले ने बीजेपी पर महिलाओं के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पार्टी उन पर छींटाकशी कर रही है। इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की स्थिति के संबंध में राकांपा नेता शरद पवार की कथित टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने जवाब दिया था।

‘मेरा और हिमंत का DNA एक’

मीडिया से बातचीत करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा, मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है, वह मूल रूप से कांग्रेस से हैं। उनका और मेरा डीएनए एक ही है… आप जानते हैं कि बीजेपी महिलाओं का कैसे अपमान करती है। अपनी बात को जारी रखते हुए सुले ने कहा, लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि महिलाओं के प्रति यह बदलाव और दृष्टिकोण कैसे आया है, शायद भाजपा में जाना उन्हें थोड़ा नागवार गुजर रहा है…बीजेपी आईटी सेल को शरद पवार ने जो कहा उसे ध्यान से समझने और सुनने की जरूरत है।

शरद पवार ने क्या कहा था?

शरद पवार ने कहा था कि हमें फिलिस्तानियों के साथ मजबूती के साथ खड़े होना चाहिए, वो पूरी जमीन फिलिस्तान की थी और इजराइल ने आकर उस जमीन पर कब्जा कर लिया, उनके घरों पर कब्जा कर लिया। इजराइल वहां पर बाहरी लोग हैं। हकीकत में यह जमीन इजराइल की नहीं है। उन्होंने कहा कि एनसीपी फिलिस्तीन के लोगों के साथ खड़ी है, जिनकी यह जमीन है।

मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था, जहां भारत के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका फिलिस्तीन की मदद करने की थी। पहली बार इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल का समर्थन किया। शरद पवार के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था।

शरद पवार के बयान की आलोचना

शरद पवार की इस टिप्पणी की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई लोगों ने आलोचना की। केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल ने कहा, मुझे बहुत दुख होता है, जब शरद पवार जैसे बड़े लीडर इजरायल पर हुए, आतंकवादी हमले पर भारत के रुख पर ऐसे बेतुके बयान देते हैं। पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, आखिर पवार साहब भी तो उस सरकार का हिस्सा रह चुके हैं। बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाए थे और भारत पर हुए आतंकी हमले के दौरान सो रहे थे।

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