गोड्डा : झारखंड के गोड्डा में मंईयां सम्मान योजना ने परिवारों के बीच तनाव को जन्म दिया है। भाजपा प्रत्याशी अमित मंडल ने इस योजना को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इसने सास-बहू के बीच खटास पैदा कर दी है। अमित मंडल गोड्डा में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह देखकर दुःख होता है कि परिवार में आपसी समझदारी कम हो रही है। बहू को योजना के तहत पैसे मिले हैं, लेकिन सास का वृद्धा पेंशन रुक गया है। यह न केवल आर्थिक संकट पैदा कर रहा है, बल्कि रिश्तों में दरार भी डाल रहा है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “एक सास अपने बेटे की पत्नी से शिकायत कर रही है, ‘मुझे पेंशन नहीं मिला, पर तुमको पैसा मिल गया।’ और बहू भी पलटकर कह रही है, ‘मैंने तो मेहनत से पैसे कमाए हैं, आपको क्यों नहीं मिला?’ इस तरह के संवाद घर में तनाव को बढ़ा रहे हैं।”
अमित मंडल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने योजना की घोषणा तो की, लेकिन इसके लिए बजट नहीं है। “बुजुर्ग महिलाओं का 6 महीने का पेंशन काटकर मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों में बांट दिया गया है। यह न केवल अन्याय है, बल्कि यह सास-बहू के रिश्ते को भी प्रभावित कर रहा है,” उन्होंने कहा।
अमित मंडल ने कहा कि वह मोदी जी का संदेश लेकर आए हैं और गोगो दीदी योजना के लाभ का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “अगर झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनती है, तो हम पहली कैबिनेट की बैठक में महिलाओं के खातों में 2100 रुपये डालने का प्रस्ताव लाएंगे। यह हमारे लिए गर्व का विषय होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि संथाल क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या है, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है। “ये लोग सीमावर्ती इलाकों में आकर अपराध करते हैं, और प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता। इससे यहां की महिलाएं और बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं।”
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