Home » ‘डूबते को तिनके का सहारा’ जब मुख्य चुनाव आयुक्त ने बितायी वीरान गांव में रात, मददगारों का किया शुक्रिया

‘डूबते को तिनके का सहारा’ जब मुख्य चुनाव आयुक्त ने बितायी वीरान गांव में रात, मददगारों का किया शुक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पत्र में लिखा कि आपदा प्रबंधन में "प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता" के रूप में स्थानीय निवासियों की मदद करने के इस मॉडल को प्रशासन द्वारा समर्थन दिया जाएगा। यह स्थानीय निवासियों के प्रयासों को प्रोत्साहित और सम्मानित करेगा।

by Priya Shandilya
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रल डेस्क। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तरखंड, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विधानसभा क्षेत्र के रालम गांव के निवासियों को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने गांववासियों को उनकी सेवा और आतिथ्य के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ.बीवीआरसी पुरुषोत्तम को लिखे पत्र में आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के जवानों की भी प्रशंसा की।

आपको बता दें, 16 अक्टूबर 2024 को राजीव कुमार ने उत्तराखंड के मिलम, मार्टोली, गंगहर और पंचू गांवों सहित दूरदराज के मतदान केंद्रों में चुनाव प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया था। लेकिन खराब मौसम के कारण उनके हेलीकॉप्टर पायलट को दोपहर करीब 12:30 बजे रालम गांव में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। चूंकि रालम एक ऊंचे, बर्फीले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यहां के सभी निवासी कुछ दिन पहले पटौन गांव में अपने शीतकालीन घरों में चले गए थे। उस समय गांव पूरी तरह खाली था। खराब मौसम के बावजूद पटौन के दो ग्रामीण, सुरेंद्र कुमार और सुरेंद्र सिंह ढडियाल, लगभग 38 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर रालम में भोजन और पानी जैसी सभी अन्य जरुरी समान लेकर करीब 1 बजे पहुंचे।

“देवदूत” बनकर पहुंचा तीन सदस्यीय दल

मुख्य आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा, “अक्सर कहा जाता है कि डूबते को तिनके का सहारा, और यह कहावत हमारे लिए, तब सच साबित हुई जब यह तीन सदस्यीय दल, “देवदूत” बनकर ग्राम-रॉलम पहुंचा। इस दल के साथ उनका पालतू कुत्ता भी शामिल था जो दल में चौथे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहा था।”

सभी युवा स्वयंसेवकों ने इस दिन को यादगार बना दिया

रोलम के निवासियों के प्रयासों पर विचार करते हुए मुख्य आयुक्त ने कहा, “सभी युवा स्वयंसेवकों ने जीवन बचाने के अपने प्रयासों में मानवता के आदर्शों को अपनाकर इस दिन को यादगार बना दिया है। मैं आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं और आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं।” इसके अलावा, धारचूला जिले की आंकलन टीम की रिपोर्ट समीक्षा के लिए आईटीबीपी को सौंप दी गई है।

किया जाएगा सम्मानित

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में “प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता” के रूप में स्थानीय निवासियों की मदद करने के इस मॉडल को प्रशासन द्वारा समर्थन दिया जाएगा। यह स्थानीय निवासियों के प्रयासों को प्रोत्साहित और सम्मानित करेगा, यह दिखाएगा कि उनकी भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है।

Related Articles