गिरिडीह : जहरीले बिच्छू के डंक से 13 वर्षीय अचेत बच्चे अमन टुडू को एक डाक्टर ने मृत बता दिया लेकिन किसी परिजन के कहने पर सदर अस्पताल लाया गया, जहां एक अन्य डाक्टर ने भी बालक अमन को मृत बता दिया लेकिन अस्पताल में मौजूद एक अन्य डॉक्टर फजल को सूचना मिली तो उन्होंने अमन का इलाज शुरू किया। डॉक्टर फजल ने बच्चे को तुरंत सीपीआर तकनीक देना शुरू किया, जिससे बच्चे की सांस चलने लगी। इसके बाद बच्चे को डॉ फजल ने आईसीयू में एडमिट कर दिया। इसके बाद बच्चे की हालत में सुधार होना शुरू हो गया। बुधवार को डॉ फजल ने बताया कि अमन टुडू इलाज चल रहा है और लगातार सुधार हो रहा है।
गिरिडीह में सीपीआर तकनीक से चलने लगी बच्चे की सांस
written by Rakesh Pandey
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Rakesh Pandey
प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 17 वर्षों से ज्यादा समय से सक्रिय. जर्नलिज्म में डिग्री। 2002 में सन्मार्ग, सलाम दुनिया, प्रभात खबर, ईटीवी और सूत्रकार में काम करने का अनुभव. हेल्थ, खेल और जनरल विषयों पर रिपोर्टिंग और डेस्क का काम. संगीत, रंगकर्म और लोक संस्कृति में दिलचस्पी