पटना: बिहार वाणिज्य कर विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कर चोरी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने पटना, गया, दरभंगा और जहानाबाद में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की है, जिनसे करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी का मामला सामने आ रहा है। खासकर पान मसाला, हार्डवेयर, ड्राई फ्रूट्स और स्टील के व्यापार से जुड़ी कंपनियों पर यह कार्रवाई की गई है।
करोड़ों रुपये टैक्स चोरी का खुलासा
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पटना के पास स्थित गया, दरभंगा, जहानाबाद और अन्य प्रमुख जिलों में छापेमारी के दौरान टैक्स चोरी के मामले सामने आए हैं। इन इलाकों में हुई छापेमारी में लगभग 6.5 करोड़ रुपए की छिपाई गई बिक्री का पता चला है। इसके अलावा, ढाई करोड़ रुपए के बिना रिकॉर्ड वाले स्टॉक को भी पकड़ा गया है। विभाग ने आरोप लगाया है कि इन व्यापारियों ने जानबूझकर जीएसटी और सेल्स टैक्स के मामले में गड़बड़ी की थी और भारी मात्रा में कर चोरी की थी।
कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व साक्ष्य भी ले गई टीम
वाणिज्य कर विभाग के सचिव सह आयुक्त, संजय कुमार सिंह के दिशा-निर्देश पर विभाग की टीम ने रविवार को अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। विभाग के अनुसार, छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और साक्ष्य मिले, जो कर चोरी की गहरी साजिश का संकेत देते हैं। पटना में पांच प्रमुख स्थानों पर छापे मारे गए, जहां से भारी मात्रा में गड़बड़ी की जानकारी सामने आई।
चुकानी होगी टैक्स व पेनॉल्टी
इन दस्तावेजों से यह स्पष्ट हुआ कि इन प्रतिष्ठानों ने अपनी बिक्री का सही हिसाब-किताब नहीं रखा था और जीएसटी रिटर्न में भी हेरफेर किया था। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार को टैक्स और पेनाल्टी के रूप में करीब दो करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है।
जहानाबाद में जीएसटी चोरी का मामला
जहानाबाद जिले में एक रेस्टोरेंट पर छापेमारी के दौरान जीएसटी चोरी का एक और बड़ा मामला सामने आया। जांच में पाया गया कि रेस्टोरेंट के संचालकों ने लगभग 30 लाख रुपये की कर चोरी की थी। इसके अलावा, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई, जहां से 32 लाख रुपए का स्टॉक गायब था। जांच टीम ने पाया कि माल पहले ही बेचा जा चुका था, लेकिन उसका कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं था। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह गड़बड़ी पिछले तीन साल से चल रही थी और लगातार जीएसटी जमा नहीं कराया जा रहा था।
कर चोरी की गंभीरता
यह छापेमारी राज्य में टैक्स चोरी के बढ़ते मामलों का संकेत है। बिहार वाणिज्य कर विभाग की यह कार्रवाई दिखाती है कि राज्य सरकार और वाणिज्य कर विभाग इस मामले में अब गंभीरता से कदम उठा रहे हैं। कई व्यापारियों ने जानबूझकर कर से बचने के लिए टैक्स चोरी की है, जिससे राज्य सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है।
विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि इस तरह की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यदि कोई कारोबारी टैक्स चोरी में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे भारी जुर्माना और पेनाल्टी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और टैक्स चोरी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
राज्य सरकार को टैक्स व जुर्माना राशि मिलने की उम्मीद
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को टैक्स और जुर्माने के रूप में लगभग दो करोड़ रुपए प्राप्त होने की संभावना है। यह कदम राज्य सरकार के लिए राहत देने वाला हो सकता है, क्योंकि इससे राज्य के खजाने में अतिरिक्त राजस्व जुड़ सकता है। साथ ही, इस कार्रवाई के बाद राज्य में कर चोरी के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। वाणिज्य कर विभाग ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे अपने कारोबारी लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखें और करों का सही तरीके से भुगतान करें।
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