कोलकाता : Bengal Teacher Recruitment Scam: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल के फैसले में पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कथित भर्ती घोटाले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी करार देते हुए कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड संभाल कर रखते। व्यवस्था पर से जनता का विश्वास उठ जाने पर कुछ बाकी नहीं रहता।
हाईकोर्ट ने रद्द की थी नियुक्ति
बीते दिनों कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में नियुक्त 25,753 शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टॉफ की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने 2016 में हुए स्कूल सेवा आयोग शिक्षक भर्ती के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया था। पैनल को अमान्य घोषित कर हाईकोर्ट ने शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टॉफ की सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरी हुआ तो सीबीआई भर्ती मामले में शामिल आरोपियों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर सकती है। इन शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार के विभिन्न ऐडेड व सरकारी स्कूलों में किया गया था। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में नियुक्तियों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था।
Bengal Teacher Recruitment Scam : बहुत कम बची हैं सरकारी नौकरियां
प्रधान न्यायाधीश ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा कि सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं। अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। यह व्यवस्थागत धोखाधड़ी है। सरकारी नौकरियां आज बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक विकास के रूप में देखा जाता है। वही अगर नियुक्तियों पर भी सवाल उठने लगें तो व्यवस्था में क्या बचेगा। लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि उसके अधिकारियों ने डेटा संभाल कर रखा। पीठ ने डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछा।
सीबीआई जांच पर नहीं लग सकती कोई रोक
उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से कहा कि वह मौजूदा मामले की जारी जांच के सिलसिले में गिरफ्तारी जैसी त्वरित कार्रवाई न करे। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कहा कि वह जांच के दौरान किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने जैसी कोई जल्दबाजी भरी कार्रवाई न करे। पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच पर कोई रोक नहीं होगी।
वहीं, पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि उसके अधिकारियों ने डेटा संभाल कर रखा। पीठ ने डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछा। पीठ ने राज्य सरकार के वकीलों से कहा या तो आपके पास डेटा है या नहीं है। डिजिटल रूप में दस्तावेज संभाल कर रखना आपकी जिम्मेदारी थी। अब यह जाहिर हो चुका है कि डेटा नहीं है। आपको यह बात पता ही नहीं है कि आपके सेवा प्रदाता ने किसी अन्य एजेंसी की सेवा ली है। आपको उसके ऊपर निगरानी रखनी चाहिए थी। इससे पहले राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि अदालत ने मनमाने तरीके से नियुक्तियां रद्द कर दीं।