प्रयागराज: बहुचर्चित निठारी कांड में आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बड़ी राहत मिली है। सोमवार को, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मामलों में सुरेंद्र कोली के खिलाफ फांसी की सजा को रद्द कर दिया है, और इसके साथ ही पंढेर को भी दो मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द किया गया है। दोनों को इन मामलों में कोर्ट ने निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। कई दिनों तक चली बहस के बाद कोर्ट ने यह फैसला लिया है। सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ कोई सबूत और गवाह ना होने के कारण हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया । इस फैसले से सीबीआई (CBI) को तगड़ा झटका लगा है। हालांकि रिंपा हलदर मर्डर केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। ऐसे में हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद भी उसे कोई खास राहत नहीं मिलने वाली है।
पीड़ित परिवार ने जताई आपत्ति:
कोर्ट के इस फैसले को लेकर सीबीआई के साथ पीड़ित परिवार को भी बड़ा झटका लगा है। कई सालों से आरोपियों को सजा देने की बात चल रही है लेकिन अभी तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। कोर्ट के इस फैसले पर पीड़ित परिवारों ने नाराजगी जताई है। निठारी कांड में एक महिला की 10 साल की नाबालिग बच्ची गायब हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए महिला ने कहा, ‘हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इन दोनों आरोपियों को वैसी ही सजा मिले जैसे हमारी बच्चियों के साथ इन्होंने किया। आरोपियों की फांसी की सजा पर रोक नहीं लगनी चाहिए।’
आरोपी के वकील का बयान:
निठारी कांड के दोषी मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने भी अपना बयान जारी किया है। कोर्ट के तरफ से फैसला आने पर पंढेर की वकील ने कहा कि सेशन कोर्ट की फांसी की सजा के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की थी। दोनों मुकदमों में पंधेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी किया है। अब पंधेर के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है। कुल छह मुकदमों में सेशन ट्रायल थे। एक मुकदमा 2010 में हाईकोर्ट रद्द कर चुका है। तीन में सेशन कोर्ट ने बरी किया था। दो मुकदमों में फांसी हुई थी, जिनमें पंधेर आज बरी हुए हैं।
फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे CBI के वकील:
CBI के वकील संजय यादव ने कहा कि रिम्पा हल्दर मर्डर केस में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा ट्रायल कोर्ट से सुनाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा है। इस मुकदमे में जो एविडेंस थे, वही एविडेंस बाकी मुकदमों में थे। हम हैरत में हैं कि एक जैसे साक्ष्य होने पर हाईकोर्ट ने बाकी मुकदमों में सुरेंद्र कोली को कैसे बरी कर दिया। हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे।
क्या था निठारी कांड?
निठारी कांड, जिसे भारत में एक अत्यंत घातक और घोर अपराध माना जाता है। यह नोएडा के निठारी गाँव में 2005 और 2006 में घटित हुआ था। इस कांड में एक सीरियल किलर और उसके साथी ने निठारी गाँव के बच्चों को अपहरण कर के उनकी हत्या की थी।
अपहरण और हत्या के मामले में लगाया गया आरोप:
निठारी कांड के तहत शिरोमणिकपुरम के एक निवासी सुरेंद्र कोली और उसके साथी मोनिंदर सिंह पंढेर को अपहरण से लेकर बलात्कार, हत्या का आरोप लगाया गया था। साल 2006 में निठारी कांड का खुलासा हुआ था। 2006 में नोएडा (Noida) में हुए निठारी केस में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने के केस में दोषी बनाया था। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज हुआ था। दोनों आरोपियों ने अपनी फांसी की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी कि उनके खिलाफ कोई सबूत और गवाह नहीं हैं उन्हें सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई गई है। फांसी की सजा को रद्द किए जाने की अपील की गई थी।
निठारी में पहला हत्या:
नोएडा के निठारी गांव के D-5 कोठी में मोनिंदर सिंह पंधेर रहता था। उसने अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के सुरेंद्र कोली बतौर नौकर घर में रख लिया। मोनिंदर सिंह अक्सर इस कोठी पर कॉलगर्ल बुलाता था। एक बार सुरेंद्र कोली ने वहां आई एक कॉलगर्ल से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा जताई तो कॉलगर्ल ने ऐसा कुछ कह दिया जो सुरेंद्र को बुरा लगा। सुरेंद्र ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और लाश नाले में ठिकाने लगा दिया। D-5 कोठी में ये पहला मर्डर था। इसके बाद तो जो लड़की इस कोठी में आई, वो जिंदा वापस नहीं गई। धीरे-धीरे इस इलाके से कई बच्चियां लापता होनी शुरू हो गईं।
हत्या कर के फेक देते थे लाश
25 साल की आनंदा देवी मोनिंदर पंधेर के घर में घरेलू सहायिका बनकर आई थी और 31 अक्टूबर 2006 को लापता हो गई। इससे पहले ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) की दीपिका उर्फ पायल नौकरी की तलाश में 7 मई 2006 को मोनिंदर सिंह पंधेर के पास गई थी, वो भी वापस नहीं लौटी। 24 अगस्त 2006 को नोएडा पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की तो दीपिका का मोबाइल सुरेंद्र कोली से मिला। ये पहला केस था, जब किसी मामले में मोनिंदर पंधेर और सुरेंद्र कोली फंसे थे। 29 और 30 दिसंबर 2006 को नोएडा पुलिस ने नाले से बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद किए, जो सिर्फ लड़कियों के थे। खुलासा हुआ कि मोनिंदर पंधेर और सुरेंदर कोली यहां लड़कियों को किसी बहाने से बुलाते थे और रेप के बाद हत्या करके उनकी लाश इस नाले में फेंक देते थे। नोएडा पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली के खिलाफ रेप और हत्या के कुल 19 मामले दर्ज किए। इसमें से 16 मामलों में कोर्ट के फैसले आ चुके हैं।
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