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छत्तीसगढ़ में बीएसएफ के साथ मुठभेड़ में 29 माओवादी मारे गए

by Rakesh Pandey
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कांकेर, छत्तीसगढ़/Maoists killed in encounter: लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ 29 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। बीते चार महीने में सुरक्षा बलों ने 80 नक्सली मार गिराए हैं। इस कार्रवाई से नक्सलियों में भय का माहौल है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से लेकर अब तक आज की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। सुरक्षाबालों ने खूंखार नक्सलियों की मांद में घुसकर सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है।

बीएसएफ जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है, जब तीन दिन बाद पहले चरण में बस्तर में मतदान होना है। वही 14 अप्रैल को राजनांदगांव में चुनावी सभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने पर नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था।

Maoists killed in encounter: मुठभेड़ में तीन जवान भी हुए घायल

मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है। मुठभेड़ मंगलवार को दोपहर डेढ़ से शाम साढ़े चार बजे तक चली। मारे गए नक्सलियों में 25 लाख रुपये का इनामी रावघाट कमेटी प्रभारी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी उत्तर बस्तर डिवीजन प्रभारी ललिता माड़वी भी शामिल है।

वहीं, प्रतापपुर एरिया कमेटी कमांडर राजू सलाम भी मारा गया है। मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ इंस्पेक्टर को पैर में गोली लगी है। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के दो जवान भी घायल हुए हैं। तीनों को हवाई मार्ग से रायपुर भेजा गया है। इसी महीने दो अप्रैल को बीजापुर जिले में भी सुरक्षा बलों के जवानों ने मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे थे।

Maoists killed in encounter: नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता

बीएसएफ के डीआइजी आलोक कुमार सिंह ने नक्सल विरोधी अभियान में इसे बड़ी सफलता करार दिया है। उन्होंने बताया कि थाना छोटेबेठिया से लगभग 14-15 किमी दूर डीआरजी एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों से सात एके-47 और तीन एलएमजी हथियार और इंसास रायफल भी बरामद किए गए हैं।

कांकेर के एसपी आइके एलेसेला ने बताया कि चुनाव के दौरान हिंसा के लिए महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस क्षेत्र में नक्सलियों की बैठक की सूचना के आधार पर संयुक्त कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की गई। नक्सलियों ने जवाबी हमला किया, परंतु उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में नीचे की तरफ भागने को मजबूर होना पड़ा। जवानों को इसका लाभ मिला और उन्हें ढेर कर दिया। जानकारी के अनुसार मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों के ढाई सौ से तीन सौ जवान जंगल से नक्सलियों के शवों को लाने गए। इन शवों को पखांजूर लाया गया है।

Maoists killed in encounter: पिछले 20 दिनों में 48 नक्सली हुए ढेर

इधर छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद विष्णुदेव साय की सरकार में पिछले साढ़े तीन माह में हुई मुठभेड़ों में 80 नक्सलियों के मारे जाने से जवान भी उत्साहित है। पिछले 20 दिनों में ही 48 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।

Maoists killed in encounter: 10 अप्रैल को हुई थी उच्‍च स्‍तरीय बैठक

नौ और दस अप्रैल को दो दिवसीय दौरे के दौरान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए रायपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 10 राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ आनलाइन बैठक भी की थी।

उस दौरान शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया आपरेशन की रणनीति भी बनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खुफिया सूचना पर कश्मीर के आतंकियों की तरह ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर लक्ष्य आधारित कार्रवाई की जाएगी। कांकेर के मुठभेड़ में भी बैठक का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।

Maoists killed in encounter: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी बधाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट में लिखा है- नक्सलवाद विकास, शांति और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं। सरकार की ऑफेंसिव नीति और सुरक्षा बलों के प्रयासों से आज नक्सलवाद सिमट कर एक छोटे से क्षेत्र में रह गया है। जल्द ही छत्तीसगढ़ व देश नक्सलमुक्त होगा।

 

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