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CRPF के 86वें स्थापना दिवस पर अमित शाह का बड़ा बयान : मार्च 2026 तक नक्सलियों का खात्मा, कोबरा बटालियन निभाएगी अहम भूमिका

गृह मंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ की 86वीं स्थापना दिवस पर कहा कि मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। कोबरा बटालियन इस लक्ष्य में मुख्य भूमिका निभाएगी।

by Reeta Rai Sagar
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नीमच : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के नीमच में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 86वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में सीआरपीएफ, विशेषकर इसकी कोबरा (CoBRA) बटालियन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार मार्च 2026 तक देश को नक्सलियों से मुक्त करने के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है और इसमें कोबरा बटालियन अहम भूमिका निभाएगी।

कोबरा बटालियन : नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक शक्ति

गृह मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। उन्होंने जानकारी दी कि सीआरपीएफ ने अब तक 400 से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित किए हैं, जिसकी वजह से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में 70% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।

‘पशुपतिनाथ से तिरुपति’ तक के ‘रेड कॉरिडोर’ का सपना चकनाचूर

अमित शाह ने कहा कि एक समय पर वामपंथी उग्रवादी ‘पशुपतिनाथ से तिरुपति’ तक लाल आतंक का गलियारा बनाना चाहते थे, लेकिन सीआरपीएफ के साहस और रणनीतिक कार्रवाइयों ने उनके इस सपने को चकनाचूर कर दिया। उन्होंने बताया कि आज नक्सली केवल चार जिलों तक सिमट कर रह गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में कोबरा बटालियन की तैनाती की घोषणा

गृह मंत्री ने यह भी घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ विशेष अभियान के लिए कोबरा बटालियन की एक नई यूनिट गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद लोगों में चुनावों और सुरक्षा को लेकर कई तरह की आशंकाएं थीं, लेकिन सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाबलों ने वहां शांति और लोकतंत्र को सुनिश्चित किया।

CRPF : आतंकवादी, नक्सलवादी और पूर्वोत्तर में शांति स्थापना की अग्रिम पंक्ति की शक्ति

शाह ने कहा, ‘चाहे वह कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ना हो, पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करना हो या फिर घातक नक्सलियों को समाप्त करना—सीआरपीएफ जवानों ने हर मोर्चे पर अत्यंत साहस का परिचय दिया है’। उन्होंने कोबरा बटालियन को ‘वीरता का प्रतीक’ बताते हुए कहा कि आज सबसे कुख्यात नक्सली भी कोबरा कमांडोज़ के नाम से कांपते हैं।

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