जमशेदपुर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद दलमा के इको सेंसिटिव जोन में अवैध तौर से हुए निर्माण कार्य की जांच पूरी कर ली गई है। यहां 650 इमारतों का निर्माण अवैध पाया गया है। इन अवैध निर्माण को तोड़ने का खाका तैयार किया जा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रि्ब्युनल ने दलमा इको सेंसिटिव जोन में बन रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद इस जोन में अवैध निर्माण चिन्हित करने के लिए एक समिति गठित की गई थी। इस समिति ने 906 इमारतों को कार्रवाई के दायरे में पाया था। इन इमारतों के मालिकों को नोटिस जारी की गई थी। बाद इन इमारतों की गहनता से जांच कराई गई। इसके बाद 650 इमारतों को अवैध निर्माण के दायरे में पाया गया है। अब इन इमारतों को तोड़ा जाएगा।
522 वर्ग किमी में फैला है इको सेंसिटिव जोन
दलमा इको सेंसिटिव जोन कुल 522 98 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसके तहत पूर्वी सिंहभूम का पटमदा और जमशेदपुर प्रखंड के इलाके के अलावा सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल व नीमडीह प्रखंड का 136 गांव शामिल है। बताते हैं कि इस इको सेंसिटिव जोन में जितने भी अवैध निर्माण हैं सभी को नोटिस जारी की गई थी। इनमें से कई लोग नोटिस पाने के बाद समिति के सामने पेश हुए और अपने कागजात दिखाए। बताते हैं कि कई लोग इस समिति के सामने पेश ही नहीं हुए। अब इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
2012 से चल रही ह्रै प्रक्रिया
समिति इको सेंसिटिव जोन में 2012 के बाद बनी इमारतों की जांच कर रही है। लोगों ने नियम कानून का उल्लंघन करते हुए इको सेंसिटिव जोन में निर्माण कर लिए हैं। मगर, प्रशासन इन इमारतों पर बुल्डोजर चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। क्येांकि, इनमें से अधिकतर निर्माण अमीर लोगों के ही है। दलमा इको सेंसिटिव जोन में अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश साल 2012 में आया था। तब से अब तक प्रशासन रत्ती भर कार्रवाई नहीं कर पाया है। महज कागजी कार्रवाई ही जारी है।
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