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DDU: सामाजिक समरसता और भारतीय संविधान’ पर विद्यार्थियों ने दिए भाषण, विश्व संवाद पत्रिका का भी हुआ लोकार्पण

शोध की गुणवत्ता में उन्नयन के लिए हिंदी विभाग द्वारा चलाए जाने वाले विशेष कार्यक्रम शोध-संवाद के अंतर्गत शोधार्थी प्रकृति शुक्ला ने सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की कहानियों पर अपना गंभीर शोध पत्र प्रस्तुत किया।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : गोरखपुर विश्वविद्याल के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा तथा पत्रकारिता विभाग में 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर ‘सामाजिक समरसता और भारतीय संविधान’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों की पत्रिका “विश्व संवाद” के संविधान विशेषांक का भी लोकार्पण हुआ।

इस दौरान विद्यार्थियों ने समवेत स्वर में भारत की सामाजिक समरसता के साथ संविधान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा संविधान सभी को समानता का अधिकार प्रदान करता है, यही सामाजिक समरसता का वास्तविक अर्थ भी है। हमारे संविधान में इसे न केवल शामिल किया गया है, अपितु किसी भी प्रकार के भेदभाव, ऊंच-नीच, छुआ-छूत आदि को निषिद्ध किया गया है।

शोध की गुणवत्ता में उन्नयन के लिए हिंदी विभाग द्वारा चलाए जाने वाले विशेष कार्यक्रम शोध-संवाद के अंतर्गत आज शोधार्थी प्रकृति शुक्ला ने सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की कहानियों पर अपना गंभीर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इसमें अन्य शोधार्थी एवं शिक्षकों ने सवाल व संवाद के माध्यम से अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित की।

अधिकार के साथ कर्तव्य भी हैं निहित

पत्रकारिता पाठ्यक्रम के शिक्षक डॉ. रजनीश कुमार चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ राज्य का ही दायित्व नहीं है कि वह हमें संविधान में वर्णित समान अधिकार दे,बल्कि यह आम जनता का भी कर्तव्य है कि वे इसके अनुपालन में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। हमें यह समझने की जरूरत है कि यदि हमें कोई अधिकार प्राप्त है तो उसके साथ कुछ कर्त्तव्य भी निहित हैं।

हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संविधान को लेकर होने वाले दोनों कार्यक्रमों, सामाजिक समरसता एवं भारतीय संविधान पर भाषण प्रतियोगिता एवं संविधान पर केंद्रित विश्व संवाद पत्र के लोकार्पण को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे निश्चित रूप से विद्यार्थिंयों में जागरूकता व सृजनात्मकता बढ़ेगी।

संचालन क्रमशः डॉ.अखिल मिश्र व डॉ. प्रियंका नायक ने किया। कार्यक्रम में प्रो. अनिल कुमार राय, प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी, प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्र,प्रो. राजेश कुमार मल्ल, प्रोफेसर प्रत्यूष दुबे, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. संदीप कुमार यादव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अभिषेक शुक्ल , डॉ. ऋतु सागर, डॉ. अपर्णा पाण्डेय, डॉ. नर्गिस बानों, डॉ. अन्वेषण सिंह,अभय शुक्ल आदि उपस्थित रहे।

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