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Dhanteras 2025 Date and Time : धनतेरस 2025 आज : बाजारों में लौटी रौनक, मिट्टी के दीयों से रोशन होंगे घर, कुम्हारों की उम्मीदों ने पकड़ी उड़ान | Dhanteras 2025

by Rakesh Pandey
Dhanteras 2025
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रांची : धनतेरस का त्योहार आज है। इसके साथ ही पांच दिवसीय दीपावली की शुरूआत हो जएगी। 18 नवंबर को धन त्रयोदशी, 19 को नरक चतुर्दशी, 20 दिवाली, 21 को गोवर्द्धन पूजा और 22 को भाई दूज का त्योहार मनाया जायगा। धनतेरस को लेकर सभी बाजार सज चुके हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन खरीदारी करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं, इसलिए इसे काफी शुभ माना जाता है। इसके साथ ही छोटे-छोटे कस्बाई इलाकों तक सोने-चांदी, ज्वेलरी, बर्तन, झाड़ू से लेकर टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन, होम थियेटर सहित सजावटी सामानों से पूरा बाजार अटा पड़ा है। शहरी इलाकों में बाइक, कार, फर्नीचर आदि की दुकानों को बिजली की रंग-बिरंगी रोशनी से सजा दिया गया है।

दुकानदारों को उम्मीद है कि इस बार धनतेरस का बाजार काफी अच्छा रहेगा। दुकानदार भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दोपहिया और चारपहिया वाहनों, ज्वलेरी, बर्तन आदि की खरीदारी में छूट और उपहार देने की घोषणा कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि दुर्गा पूजा के बाद बाजार में हल्की तेजी आई है। कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार धनतेरस का बाजार काफी अच्छा रहेगा।

कुम्हार समाज की उम्मीदें भी जगीं

दीपावली पर मिट्टी के दीयों का विशेष महत्व होता है और इन्हें बनाने वाले कुम्हार समाज के लोगों को इस बार भी बेहतर बिक्री की उम्मीद है। खूंटी, तोरपा, लोहरदगा, गुमला जैसे क्षेत्रों में स्थानीय कुम्हारों ने आकर्षक दीये, मिट्टी के बर्तन और पारंपरिक खिलौने तैयार किए हैं। तोरपा के रामधन महतो का कहना है कि अगर लोग बड़ी दुकानों को छोड़कर स्थानीय कारीगरों से खरीदारी करें, तो उन्हें भी दिवाली की खुशियां मिल सकती हैं। उनका कहना है कि हम दीयों से दूसरों के घर रोशन करते हैं, लेकिन हमारा समाज आज भी आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है।

Dhanteras 2025 Date and Time : त्रयोदशी तिथि और मुहूर्त

धनतेरस की तिथि प्रारंभ : शनिवार, 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12.19 बजे

तिथि समाप्त : रविवार, 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 1.51 बजे

धनतेरस की पूजा के लिए शनिवार संध्या का समय सबसे उपयुक्त माना गया है। मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल और स्थिर लग्न में पूजन करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

विशेष ग्रहयोग : चंद्र, शुक्र और सूर्य का संयोग देगा शुभ फल

ज्योतिषाचार्य सचिन कुमार दुबे के अनुसार, इस बार धनतेरस पर चंद्रमा, शुक्र और सूर्य का दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह संयोग धन, सुख और आरोग्य की वृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है।

चंद्रमा : मन और मानसिक संतुलन का कारक

शुक्र : भोग, विलास और धन का प्रतिनिधि

सूर्य : आत्मबल और स्वास्थ्य का प्रतीक

इन तीनों ग्रहों का समन्वय इस दिन को धन और समृद्धि की प्राप्ति का उत्तम अवसर बनाता है।

क्यों मनाया जाता है धनतेरस

धनतेरस को ‘धन त्रयोदशी’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसी कारण इस दिन धातु, बर्तन, सोना-चांदी, और औषधीय सामग्री खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है।

इस दिन क्या खरीदें

धनतेरस पर इन वस्तुओं की खरीदारी को शुभ और सौभाग्यवर्धक माना जाता है:

सोना-चांदी, ज्वेलरी

तांबा, पीतल, स्टील के बर्तन

झाड़ू – दरिद्रता दूर करने का प्रतीक

धातु की लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा

धन्वंतरि की प्रतिमा

मिट्टी के दीये और सजावटी वस्तुएं

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