पॉलिटिकल डेस्क, नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान मार्च में कभी भी हो सकता है। (Election Commission) लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी खर्च की सीमा तय कर दी है। लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान प्रत्याशियों को गज माला 1 हजार रुपए का पड़ेगा। वहीं, छोटी माला 15 रुपए का पड़ेगा। इसी तरह प्रचार-प्रचार के डीजे का एक दिन का खर्च 10000 हजार चुनावी खर्च में शामिल होगा।
197 आइटम्स की रेट लिस्ट जारी (Election Commission)
जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी कर यह सीमा तय की है। इसी के साथ 197 आइटम्स की रेट लिस्ट भी जारी कर दी है। एक प्लेट चाय के लिए 10 रुपए देने पड़ेंगे, तो वहीं 200 एमएल वाला कोल्डड्रिंक 20 रुपए का पड़ेगा। चुनाव प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं के लिए सुबह-शाम करवाए जाने वाले लंच-डिनर, सभा-रैलियों में पहनाए जाने वाले साफे, नाश्ते में दिए जाने वाले लड्डू, नमकीन समेत अन्य चीजों का मानक दर निर्धारित किया गया है। खाने की सादी थाली 90 रुपए की होगी।
95 लाख रुपए कर सकेंगे खर्च
प्रत्याशी सिर्फ 95 लाख रुपए ही खर्च कर सकेंगे। प्रत्येक प्रत्याशी के चुनावी खर्च पर निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी। जिला प्रशासन ने भी इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन भी इसको लेकर तैयारियों में जुटा है। लिस्ट में ऐसा कोई ऐसा सामान नहीं है, जिसे उम्मीदवार उपयोग करे और खर्च उनके खाते में न जोड़ा जाए।
प्रत्याशी क्या खा रहा है और क्या खिला रहा है, सबका हिसाब रखा जाएगा। इसके साथ ही प्रत्याशी कहां जा रहा है और कहां बैठ रहा है, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। इस पर होने वाले व्यय को भी चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। दरी, कनात, बिस्तर, चांदनी, सोफा, तिरपाल का खर्च भी चुनावी खर्च में शामिल होगा।
किन वाहनों में कितना खर्च
लग्जरी कार और बड़ी एसयूवी में बैठकर चुनाव प्रचार करना भी प्रत्याशियों को महंगा पड़ेगा। होण्डा सिटी, सियाज, वरना सेडान, ईनोवा, एक्सयूवी 500 जैसे वाहन जिनकी कीमत 10 लाख रुपए से अधिक होगी, एस समेत 2345 प्लस पीओएल तथा नान एसी 2060 रुपए प्लस पीओएल किराया तय किया गया है। वहीं, साइकिल का किराया प्रतिदिन 100 रुपए तय किया गया है।
अगर प्रत्याशी इनका उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के समय करता है, तो ये उसके चुनाव खर्चे में जोड़ा जाएगा। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को रैलियां, रोड-शो, चुनावी सभाओं के अलावा चुनाव कार्यालय खोलने, कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता, खाना खिलाने का भी खर्चा शामिल करके आयोग के समक्ष खर्च का लेखा-जोखा पेश करना होगा। चुनावी खर्च पर आयोग की नजर रहेगी।
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