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Ranchi News : गीता चौबे गूँज के नए उपन्यास ‘सलोनी’ का हुआ लोकार्पण

Ranchi News : अध्यक्षीय वक्तव्य में वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि उपन्यास या किसी भी कथात्मक रचना की पहली शर्त होती है, उसकी पठनीयता। जो सलोनी उपन्यास में मौजूद है।

by Anand Kumar
"Book launch event of Geeta Chaubey Goonj's new novel Saloni at Press Club Ranchi by Shabdkar Literary Group"
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रांची : गीता चौबे गूँज का नवप्रकाशित उपन्यास “सलोनी” का लोकार्पण शब्दकार साहित्यिक समूह द्वारा प्रेस क्लब राँची में किया गया। अपनी सृजन यात्रा के बारे में बात करते हुए गीता चौबे गूँज ने कहा कि यह उपन्यास उस पीढ़ी को समर्पित है, जो विवाह जैसी संस्था की उपेक्षा करके अपने दायित्वों से जी चुराते हैं। इसमें एक आदर्श दांपत्य जीवन की झलक मिलती है।

इस अवसर पर बोलते हुए शब्दकार की अध्यक्ष रश्मि शर्मा ने कहा कि इस उपन्यासिका में लेखिका ने मूल चरित्र सलोनी की भावनात्मक, सृजनात्मक पक्ष को बहुत ही सूक्ष्मता से विस्तार दिया है। इसकी काव्यात्मक भाषा उपन्यास का वास्तविक सौंदर्य है, जो रचना को पठनीय बनाता है।

साहित्यकार अनीता रश्मि ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा की धनी गीता चौबे गूँज ने बहुत ही लगन से इस पुस्तक को सँवारा है। इस उपन्यास में यात्रा के दौरान कई घटनाक्रम के साथ साथ प्रकृति के सौन्दर्य का इतना खूबसूरत चित्रण हुआ है कि, पाठकों को बांधे रखता है।

समीक्षक कलावंती सुमन ने कहा कि इस उपन्यास में लेखिका ने रेल यात्रा के बहाने एक दंपत्ति के जीवन यात्रा को सामने लेकर आई हैं। इसकी भाषा इतनी सरल और सहज है कि नवीन पाठकों को भी इसे पढ़ने में सहूलियत होगी।

पी के झा ने कहा कि, कोई भी रचनाकार जब किसी पात्र को जीवन देता है तो, पात्र को विकसित करने की जिम्मेदारी भी उन पर होती है । इस उपन्यास में सीमित समय में एक यात्रा के अन्तर्गत बहुत सारे चरित्रों को समझने की कोशिश की गई है ।

अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि उपन्यास या किसी भी कथात्मक रचना की पहली शर्त होती है, उसकी पठनीयता। जो सलोनी उपन्यास में मौजूद है। इस उपन्यास में जिंदगी की स्वीकार्यता और सकारात्मकता दोनों दिखाई देता है।

कार्यक्रम का संचालन राजीव थेपड़ा ने किया। स्वागत उद्बोधन रीता गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन नंदा पाण्डेय ने किया।

इस अवसर पर शब्दकार साहित्यिक टीम के सदस्य, वीणा श्रीवास्तव, संगीता कुजारा टॉक, अनामिका प्रिया, जय माला , अंशुमिता शेखर, सुमिता सिन्हा, सोनल थेपड़ा, के साथ साथ राँची के साहित्य प्रेमी, निरंजन श्रीवास्तव, नरेश बंका, संजय कृष्ण, विष्णु जायसवाल, गिरिजा शंकर पेरिवाल, बिनोद, सुरिंदर कौर नीलम, डॉ उर्मिला सिन्हा, लता श्री, नियति कल्प, चेतन कश्यप, रेणु झा, बिनोद सिंह, कविता विकास, राजश्री जयंती , आलोका कुजूर , पुष्पा पाण्डेय पुष्पा सहाय , सुनीता अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

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