- पारिवारिक कलह ने उजाड़ी दुनिया, आरती देवी अस्पताल में भर्ती, गांव में मातम
Giridih (Jharkhand) : झारखंड के गिरिडीह जिले के देवरी थाना क्षेत्र के खसलोडीह गांव में शुक्रवार को एक पारिवारिक विवाद ने ऐसी करुण त्रासदी को जन्म दिया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के बाद, पत्नी आरती देवी ने अपने तीन मासूम बच्चों के साथ गांव के एक कुएं में छलांग लगा दी। इस हृदयविदारक घटना में तीनों बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि आरती देवी को गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, देवरी थाना क्षेत्र के खसलोडीह गांव में दोपहर करीब 12 बजे खेत में काम कर रहे कुछ लोगों ने आरती देवी को अपने तीन छोटे बच्चों के साथ कुएं में कूदते हुए देखा। चारों को डूबता देख, उन्होंने तुरंत शोर मचाया, जिससे बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। ग्रामीणों ने तत्काल आरती देवी के पति, सोनू चौधरी, को फोन कर इस दुखद घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही सोनू चौधरी भी बदहवास हालत में कुएं के पास पहुंचे।
घटना की सूचना मिलते ही देवरी थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों की सहायता से चारों को कुएं से बाहर निकालने के प्रयास में जुट गई। काफी मशक्कत के बाद तीनों बच्चों और आरती देवी को कुएं से निकाला गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आरती देवी के छह साल के बेटे अविनाश कुमार, चार साल की बेटी रानी कुमारी और ढाई साल की सबसे छोटी बेटी फूल कुमारी की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने तुरंत चारों को देवरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने तीनों मासूम बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
आरती देवी द्वारा अपने तीन बच्चों के साथ कुएं में कूदने का संभावित कारण पति-पत्नी के बीच अक्सर होने वाला विवाद बताया जा रहा है। पारिवारिक कलह के चलते आरती देवी ने इतना बड़ा और दर्दनाक कदम क्यों उठाया, यह अभी जांच का विषय है। फिलहाल, देवरी थाना पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।
इस दुखद घटना के बाद दोपहर बाद तीनों मासूम बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए गिरिडीह भेज दिया गया है, ताकि उनकी मौत के सही कारणों का पता चल सके। इस त्रासद घटना ने पूरे खसलोडीह गांव में शोक की गहरी लहर पैदा कर दी है। हर कोई इस अकल्पनीय क्षति से स्तब्ध है और मृतकों के परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहा है।
यह घटना पारिवारिक विवादों के भयावह परिणाम को दर्शाती है और समाज को इस गंभीर मुद्दे पर सोचने के लिए मजबूर करती है। आपसी समझ और संवाद के माध्यम से पारिवारिक कलहों को सुलझाना कितना आवश्यक है, यह इस दुखद घटना से समझा जा सकता है। तीन मासूम जिंदगियों का यूं असमय चले जाना, पूरे गांव के लिए एक गहरा घाव बन गया है। पुलिस की जांच के बाद ही इस घटना की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी।

