गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में 7 और 8 सितंबर को एक अंतरराष्ट्रीय आयुष सम्मेलन (International Conference) का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन का विषय है-“आयुष चिकित्सा पद्धतियों में शोध: समकालीन दृष्टिकोण के साथ पुनर्मान्यीकरण”।
इस आयोजन में रूस, कनाडा, कैलिफोर्निया, रोमानिया, नेपाल सहित कई देशों और भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह सम्मेलन आयुष चिकित्सा के पुनर्मूल्यांकन और गुणवत्ता आधारित अनुसंधान को नई दिशा देगा।
International Conference : आयुष शोध को मिलेगा नया आयाम
सम्मेलन में प्रस्तुत होने वाले शोधपत्र आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी से संबंधित होंगे। इन चिकित्सा पद्धतियों में वैज्ञानिक सोच, शिक्षण व अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विषयों का चयन किया गया है।
आमंत्रित विषय:
- साहित्य समीक्षा
- मौलिक अनुसंधान
- औषधि अनुसंधान
- प्रायोगिक और नैदानिक अनुसंधान
- पशु चिकित्सा
- पुनर्वास और खेल चिकित्सा
- जनस्वास्थ्य, आहार विज्ञान और सौंदर्य प्रसाधन
International Conference : शोधपत्र प्रस्तुति और शुल्क
सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण शुल्क ₹3000 और शोधपत्र प्रस्तुति व प्रकाशन के लिए ₹5000 शुल्क निर्धारित किया गया है।
विलुप्त हो रही विधाओं को मिलेगा पुनर्जीवन
विश्वविद्यालय के चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि भूत विद्या, नाड़ी विद्या और विष चिकित्सा जैसी पारंपरिक विधाएं लगभग विलुप्त हो चुकी हैं। यह सम्मेलन इन विधाओं के पुनरुत्थान में सहायक सिद्ध हो सकता है।