अगरतला: कहते हैं न कि बूढ़े मां-बाप के लिए उनके बच्चे ही सहारा होते हैं। मां-बाप की मौत के बाद उनके बच्चे ही उनकी चिता में आग लगाते हैं। लेकिन उस 62 वर्षीय मां को क्या पता था कि जिन हाथों को चिता में आग लगानी थी, वहीं हाथ उसको पेड़ से बांध कर जिंदा जला देंगे। उस मां ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके दो बेटे इस तरह का पाप करेंगे।
जी हां, यहां बात हो रही हैं पश्चिमी त्रिपुरा के चंपकनगर थाना क्षेत्र के खमरबारी इलाके की। यहां पर रविवार को 62 वर्षीय महिला को उसके दो बेटों ने कथित तौर पर पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया।
इस मामले में जिरानिया के उप-मंडल पुलिस अधिकारी कमल कृष्ण कोलोई ने बताया कि एक महिला को आग लगाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और पेड़ से बंधा जला हुआ शव बरामद किया। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
कोलोई ने बताया कि मामले में कथित संलिप्तता के लिए उसके दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक छानबीन के बाद यह संदेह जताया जा रहा है कि पारिवारिक विवाद के कारण यह जघन्य हत्या की गई है।
करीब डेढ़ साल पहले अपने पति को खोने के बाद महिला अपने दो बेटों के साथ रहती थी। उसका दूसरा बेटा अगरतला में रहता था।
बहस के बाद मारा-पीटा और जलाया
महिला का एक और बेटा भी है। वो अगरतला में रहता है। शनिवार देर रात बुजुर्ग महिला की घर में दोनों बेटों के साथ किसी बात को लेकर बहस हो गई। बेटों ने मिलकर मां को मारना पीटना शुरू कर दिया। फिर उन्हें घसीटते हुए घर से बाहर ले गए। उस वक्त रात का समय था। अंधेरा होने के कारण किसी को भी इस बात की भनक न लग सकी। बेटों ने बुजुर्ग मां को पेड़ से बांधा। उन्हें बेरहमी से दोबारा पीटा और पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया।