हेल्थ डेस्क, रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना, आयुष्मान भारत योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित अस्पतालों की स्थिति व 108 एंबुलेंस सेवा के अद्यतन कार्य प्रगति की समीक्षा की। इसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। समीक्षा में राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवा एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव वित्त विभाग अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम विभाग के सचिव राजेश शर्मा, श्रमायुक्त संजीव बेसरा, एमडी एनएचएम आलोक त्रिवेदी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना तथा आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य की जनता को वास्तविक और पूर्ण रूप से मिले यह सुनिश्चित करें। इन स्वास्थ्य योजनाओं के अंतर्गत जो नए प्रावधान किए गए हैं, उनका पूरा उपयोग हो। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रक्रियाओं में कोई जटिलता न रहे इसका पूरा ख्याल रखें। राज्य की जनता को चिकित्सा अनुदान का पूरा लाभ सुनिश्चित किए जाएं।
मरीज को नियम के चक्करों में न उलझाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि किसी भी मरीज को नियम के चक्करों में न उलझाएं। योजनाओं का लाभ लेने को लेकर कहीं कोई भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो इस निमित्त प्रक्रियाओं को सरल और सहज बनाएं।
हर हाल में सुधरे 108 एंबुलेंस सेवा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य में संचालित 108 एंबुलेंस सेवा को लेकर निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। राज्य के भीतर 108 एंबुलेंस सेवा 15 नवंबर 2023 तक हर हाल में सुधरनी चाहिए। उक्त तिथि तक सभी एंबुलेंस पूर्ण रूप से कार्यरत किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि एंबुलेंस सेवाओं में लापरवाही पाई गई, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हर हाल में चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करें। एंबुलेंस सेवा सुचारु रूप से जनता को समय से उपलब्ध होनी चाहिए। संवेदनहीनता किसी भी स्थिति में क्षमा योग्य नहीं होगा।
स्वास्थ्य मंत्री के फोन पर नहीं पहुंची थी एंबुलेंस
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के फोन पर 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची थी। इसे लेकर वह काफी नाराज दिखे थे। दरअसल, 10 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड से लौट रहे थे। इसी बीच रास्ते में उन्होंने एक व्यक्ति को घायल अवस्था में देखा था। इसके बाद वे खुद रुक गए और 108 एंबुलेंस को फोन किया। जब एंबुलेंस नहीं आई, तो उन्होंने अपनी जिप्सी से मरीज को एमजीएम अस्पताल भेजा था। हालांकि, मरीज को सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी।
स्वास्थ्य बीमा को लेकर भी चर्चा हुई
मुख्यमंत्री के बैठक में पंजीकृत श्रमिक वर्ग के स्वास्थ्य बीमा को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। पंजीकृत श्रमिकों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा लाभ दिए जाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। उम्मीद है कि जल्द ही इसका परिणाम देखने को मिलेगा। चूंकि, मुख्यमंत्री सभी योजनाओं को लेकर काफी गंभीर है। उनके द्वारा योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में अधिकारी भी काफी सक्रिय दिख रहे हैं।
बोकारो व देवघर में खुलेगा नया अस्पताल
बैठक में अधिकारियों द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित नामकुम (रांची), आदित्यपुर (सरायकेला-खरसावां) एवं मैथन (धनबाद) स्थित अस्पतालों के अद्यतन कार्य प्रगति की रखी गई। आने वाले समय में बोकारो व देवघर में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए अस्पताल की स्थापना को लेकर भी चर्चा की गई।