हेल्थ डेस्क, रांची : झारखंड में संचालित 108 एंबुलेंस सेवा में लगातार मिल रही शिकायतें को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस दौरान तय समय के अंदर सेवा में सुधार करने का सख्त निर्देश दिया था। इसके बाद बुधवार को ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई।
झारखंड में 108 एंबुलेंस को लेकर बड़ी कार्रवाई
ईएमआरआई जीएचएस ने जमशेदपुर के प्रोग्राम मैनेजर कुमार अविनाश को हटा दिया है। उनके जगह पर दिलीप महतो को नया प्रोग्राम मैनेजर बनाया गया है। इसके साथ ही और भी कई बदलाव किए गए हैं। ताकि भविष्य में किसी भी मरीज को परेशानी नहीं हो।
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नए प्रोग्राम मैनेजर का नंबर अधीक्षक व सिविल सर्जन को कराया गया उपलब्ध
नए प्रोग्राम मैनेजर दिलीप महतो का नंबर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डा. रविंद्र कुमार व सिविल सर्जन डा. जुझार माझी सहित अन्य पदाधिकारियों को उपलब्ध कराया गया है। ताकि किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल उनसे संपर्क किया जा सकें। शिकायतें सामने आने पर उसे तत्काल दूर किया जा सकें।
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ये सुविधाएं भी बढ़ाई गई
– एमजीएम अस्पताल में पूर्व से एक ही 108 एंबुलेंस का संचालन होता था, उसे बढ़ाकर अब 6 कर दिया गया है। अब एमजीएम परिसर से ही आसपास के लोकेशन में छह एंबुलेंस भेजे जाएंगे।
– प्रोग्राम मैनेजर को जिले के अधिकारियों के सीधे संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है।
– खराब पड़ी एंबुलेंस की मरम्मत के लिए लोकल वेंडर का चयन कर लिया गया है। ब्रेक डाउन होने की स्थिति में कुछ ही घंटों के भीतर एंबुलेंस ठीक करा ली जाएगी।
– पुरानी गाड़ियों की मरम्मत की जिम्मेदारी पुरानी एजेंसी की है, लेकिन मरीजों की परेशानी को देखते हुए ईएमआरआई जीएचएस (नई एजेंसी) ही कुछ गाड़ियों की मरम्मत शुरू कर दी है।
– सभी गाड़ियों में पुराने जीपीएस सिस्टम को बदलकर उसमें नई एडवांस जीपीएस टेक्नोलाजी लगाई जा रही है। ताकि ट्रेसिंग सही से हो और एंबुलेंस की एक्यूरेट लोकेशन का पता चल सके।
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24 घंटे में दो मरीजों की हुई थी मौत
14 अक्टूबर को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 24 घंटे के अंदर दो मरीजों की मौत हो गई थी। इसके बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। इसमें एक मरीज सीतारामडेरा स्थित ह्यूमपाइप निवासी खुशबू कुमारी (18) की तबीयत खराब होने पर उसे भर्ती कराया गया था। उस दौरान स्थिति गंभीर होने पर चिकित्सकों ने रांची स्थित रिम्स रेफर किया था लेकिन 108 एंबुलेंस नहीं आई और मरीज की मौत हो गई थी। वहीं, दूसरा केस पटमदा स्थित लावा निवासी आरती महतो (45) का है। उसे सांस लेने में परेशानी होने पर एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां पर स्थिति गंभीर होने पर उसे रांची रिम्स रेफर किया गया लेकिन तब भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची और मरीज की मौत हो गई।
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स्वास्थ्य मंत्री के फोन पर भी नहीं पहुंची एंबुलेंस
10 अक्टूबर को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड से लौट रहे थे। इसी बीच रास्ते में एक घायल सड़क के किनारे पड़ा हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री की नजर पड़ी तो उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई। इसके बाद 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद उन्होंने अपने जिप्सी से घायल को एमजीएम अस्पताल भेजा लेकिन देर होने की वजह से उसकी मौत हो गई।
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इस तरह से लगातार हो रही घटनाएं
– 5 सितंबर : 108 एंबुलेंस चालकों की धांधली आई थी सामने। आदित्यपुर निवासी मुकेश प्रसाद से पैसा मांगा गया था।
– 26 सितंबर : जुगसलाई गौरी शंकर रोड निवासी मजरूद्दीन को 108 एंबुलेंस नहीं मिली।
– 27 सितंबर : बर्मामाइंस निवासी गणेश गोप को 108 एंबुलेंस नहीं मिली और उसकी मौत हो गई।
– 3 अक्टूबर : 26 घंटे के बाद मिली घाटशिला निवासी एक बच्ची को 108 एंबुलेंस।
– 7 अक्टूबर : बिरसानगर निवासी एम. सोय को 29 घंटे के बाद मिली 108 एंबुलेंस।
– 10 अक्टूबर : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक घायल को अस्पताल भेजने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन करते रहे लेकिन वह नहीं पहुंची।
– 14 अक्टूबर : 24 घंटे के अंदर दो मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिली और दोनों की मौत हो गई। इसमें एक मृतक सीतारामडेरा स्थित ह्यूमपाइप निवासी खुशबू कुमारी (18) व दूसरा केस पटमदा स्थित लावा निवासी आरती महतो (45) का है।
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