Bhubaneswar/ Odisha High Tech Hospital : गलत पहचान के कारण चार दिन पहले मृत घोषित किए गए और बाद में जीवित पाए गए व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई। संबंधित अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। दिलीप सामंत्रे की मौत होने के साथ ही इस Odisha High Tach Hospital में एसी कंप्रेसर फटने में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
Odisha High Tech Hospital : 30 दिसंबर को घोषित किया गया था मृत
सामंत्रे को शुरू में 30 दिसंबर को मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन शुक्रवार को उनका इलाज जारी था। Odisha High Tech Hospital की सीईओ डॉ स्मिता पाधी ने कहा कि हालांकि उस व्यक्ति की शनिवार दोपहर को मौत हो गई। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मरीज की दिल की धड़कन और ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो गया था। प्रक्रिया के अनुसार, हम शव को पुलिस को सौंप देंगे। यदि आवश्यक हुआ, तो डीएनए परीक्षण किया जाएगा। हम नमूने एकत्र करेंगे।
29 दिसंबर की शाम Odisha High Tech Hospital में हुए विस्फोट में चार लोग हो गये थे घायल
उल्लेखनीय है कि 29 दिसंबर की शाम हुए विस्फोट के बाद Odisha High Tech Hospital में भर्ती कराए गए चार घायलों में से तीन श्रीतम साहू (29), दिलीप सामंत्रे (34) और ज्योति रंजन मल्लिक (34) की मौत हो चुकी है। सभी अस्पताल द्वारा एसी रखरखाव के लिए नियुक्त एक कंपनी के कर्मचारी थे।
पति की मौत की सूचना के बाद पत्नी ने कर ली आत्महत्या
खुर्दा जिले के निवासी सामंत्रे को 30 दिसंबर को मृत घोषित कर शव उनके परिवार को सौंप दिया गया था, जिसके बाद परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। अगले दिन उनकी पत्नी ने दुःख के कारण आत्महत्या कर ली थी। दरअसल, वह ज्योति रंजन मल्लिक का शव था। Odisha High Tech Hospital के चिकित्सकों ने कहा कि भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी क्योंकि Odisha High Tach Hospital की छत पर हुए विस्फोट के कारण जलने की वजह से लोगों के चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे।
मां ने लगाया बेटे को मारने का आरोप
सामंत्रे की मां का आरोप है कि Odisha High Tech Hospital ने उनके बेटे की हत्या की है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने हमें किसी और का शव दिया। हमने उन पर विश्वास किया और उसका दाह संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार समाप्त होने के बाद, Odisha High Tech Hospital के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि दिलीप जीवित हैं। दिलीप की मां ने कहा कि इसके बाद हम अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों से मुझे अपने बेटे से मिलने देने का अनुरोध किया। जब मैंने उसे उसके नाम से बुलाया, तो उसने सिर हिलाकर जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी बहू की आत्महत्या के बाद, परिवार को इस खबर से सांत्वना मिला कि सामंत्रे जीवित है। उन्होंने कहा कि लेकिन हमारी सारी उम्मीदें फिर से टूट गईं। दिलीप के भाई ने आरोप लगाया कि उनकी मौत चिकित्सकीय लापरवाही से हुई है।
घटना की जांच में जुटी पुलिस
Odisha High Tech Hospital की सीईओ डॉ. स्मिता पांधी ने दावा किया कि आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा चारों मरीजों की पहचान किए जाने के बाद उनका इलाज शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि अगर किसी की पहचान गलत तरीके से की गई है तो हम शायद ही कुछ कर सकते हैं।
Odisha High Tech Hospital ने गलत पहचान के लिए परिवार को दोषी ठहराया और डीएनए परीक्षण कराने की पेशकश की। भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त प्रतीक सिंह ने कहा है कि एसीपी रैंक का एक अधिकारी मामले की जांच करेगा। विपक्षी भाजपा ने इस गड़बड़ी के लिए अस्पताल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पीड़ित परिवारों के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। कांग्रेस नेता निशिकांत मिश्रा ने भी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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