Home » गैंगस्टर व नेता अतीक की बेनामी संपत्ति के खिलाफ आयकर विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, सुरक्षा गार्ड के स्वामित्व वाले छह भूखंड जब्त

गैंगस्टर व नेता अतीक की बेनामी संपत्ति के खिलाफ आयकर विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, सुरक्षा गार्ड के स्वामित्व वाले छह भूखंड जब्त

by Rakesh Pandey
अतीक की बेनामी संपत्ति के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नयी दिल्ली/लखनऊ: आयकर विभाग ने मारे गये गैंगस्टर व नेता अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति के खिलाफ अपनी कार्रवाई के तहत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में 4.3 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के छह भूखंड जब्त किये हैं। इन भूखंडों पर बीपीएल कार्ड धारक एक सुरक्षा गार्ड का स्वामित्व पाया गया है।

अतीक की बेनामी संपत्ति के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई

अतीक के परिवार और गिरोह को करोड़ों रुपये मूल्य की कई बेनामी संपत्तियों का लाभार्थी माना जा रहा है। उप्र की राजधानी लखनऊ में स्थित विभाग की बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) द्वारा अतीक के साम्राज्य के खिलाफ की गयी यह पहली कार्रवाई है। अतीक के परिवार और उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ बेनामी रोधी कानून के तहत व्यापक जांच के तहत यह कार्रवाई की गयी है।

आयकर की जांच में खुलासा होने के बाद कार्रवाई :

आयकर अधिकारियों ने पता लगाया कि इस तरह के कई भूखंड और अन्य अचल संपत्तियां उन लोगों के स्वामित्व में हैं, जिनके पास आय के बहुत सीमित साधन हैं। उन्होंने बताया कि इन संपत्तियों की बिक्री के माध्यम से मिलने वाली रकम को कथित तौर पर अतीक के परिवार की जरूरतों के लिए उसके मारे जाने के बाद भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अतीक (60) और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ ​​अशरफ की अप्रैल में तीन हमलावरों ने गोली मारकर उस वक्त हत्या कर दी थी, जब उन्हें प्रयागराज में पुलिस स्वास्थ्य जांच के लिए ले जा रही थी।

क्या होती है बेनामी संपत्ति :

आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, आयकर विभाग ने अतीक और उसके गिरोह की 40 से अधिक भूमि संपत्तियों के बेनामीदार (जिसके नाम पर बेनामी संपत्ति है) के रूप में प्रयागराज जिले के पीपलगांव निवासी सूरज पाल नाम के एक व्यक्ति की पहचान की है। बेनामी का मतलब है कोई नाम नहीं या बिना नाम के और बेनामी संपत्तियां वे हैं, जिनमें वास्तविक लाभार्थी वह व्यक्ति नहीं होता जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी जाती है।

जब्त भूमि की कीमत 4.3 करोड़ रुपये से अधिक :

पाल को अतीक अहमद के मारे गए भाई खालिद अजीम उर्फ ​​अशरफ के रिश्तेदार मोहम्मद अशरफ का सुरक्षा गार्ड बताया जाता है और आयकर अधिकारियों के मुताबिक उसके पास बीपीएल गरीबी रेखा से नीचे का राशन कार्ड है। आयकर विभाग 2019 के अंत से ही पूछताछ के लिए कथित चौकीदार या सुरक्षा गार्ड को बुला रहा था, लेकिन उसके द्वारा बयान नहीं देने के बाद, प्रयागराज में स्थित उसके स्वामित्व वाले छह भूखंडों को अस्थायी रूप से जब्त करने का इस सप्ताह एक आदेश जारी किया गया था। आयकर विभाग ने बताया कि इन छह भूखंडों की कुल कीमत 4.3 करोड़ रुपये से अधिक है।

संपत्तियों की बिक्री से हुआ खुलासा :

सुरक्षा गार्ड सूरज पाल के आयकर रिटर्न (आईटीआर) के विश्लेषण से पता चला कि बहुत कम आय वाले इस व्यक्ति की आय और संपत्ति 2018-19 और 2022-23 के बीच पांच वर्षों में 40 लाख रुपये से बढ़कर 6.16 करोड़ रुपये हो गई। यह आदेश बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम, 1988 की धारा 24(3) के तहत जारी किया गया है, जब विभाग ने पाया कि पाल कथित तौर पर इन संपत्तियों का बहुत तेजी से निपटान और बिक्री कर रहा था।

जांच के दायरे और कई संपत्तियां :

विभाग को अतीक, उसके परिवार और मोहम्मद अशरफ सहित उसके सहयोगियों पर इन संपत्तियों का लाभ प्राप्त करने वाला मालिक होने का संदेह है। आयकर विभाग ने अतीक के परिवार और गिरोह के सदस्यों के साथ सुरक्षा गार्ड के संबंधों का पता लगाने के लिए उप्र पुलिस, उप्र पंजीकरण और स्टांप महानिरीक्षक और आयकर विभाग के डेटाबेस के रिकॉर्ड को व्यापक रूप से खंगाला। इसमें पाया गया कि पारिवारिक संबंधों के अलावा, मोहम्मद अशरफ सुरक्षा गार्ड पाल का नियोक्ता का गंभीर अपराधों में कथित संलिप्तता का लंबा इतिहास रहा है और पुलिस द्वारा दर्ज कई प्राथमिकियों में अतीक के साथ वह नामजद है।

पहले 12 करोड़ रुपये मूल्य का भूखंड हो चुका है जब्त :

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में मोहम्मद अशरफ और उसके ससुर मोहम्मद रफीक उर्फ ​​गुलफुल भी सह-आरोपी थे, जिसमें अतीक और उसके भाई ​​अशरफ मुख्य आरोपी थे। इन तथ्यों ने विभाग को बेनामी मामला दर्ज करने और यह स्थापित करने के लिए प्रेरित किया कि सुरक्षा गार्ड के स्वामित्व वाली ये संपत्तियां अतीक और उसके साम्राज्य से जुड़ी हुई हैं।

आयकर विभाग ने यह भी पाया कि अतीक और मोहम्मद अशरफ के बीच घनिष्ठ संबंध थे। एक अन्य गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी से जुड़ी लगभग 100 करोड़ रुपये की करीब दो दर्जन संपत्तियों की पहचान करने के बाद, आयकर विभाग की उत्तर प्रदेश में बेनामी रोधी इकाई द्वारा यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। आयकर विभाग ने इस साल की शुरुआत में ऑपरेशन ‘पैंथर’ के तहत मुख्तार और उनके सहयोगियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई के तहत गाजीपुर जिले में 12 करोड़ रुपये मूल्य का भूखंड कुर्क किया था।

READ ALSO : रांची में 15 दिन से महिला लापता : पति ने अंसारी दंपति के खिलाफ थाने में की शिकायत, मानव तस्करी का लगाया आरोप

Related Articles