नई दिल्ली: 2024 के लिए G-20 देशों की अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट में भारत ने सभी को पीछे छोड़ते हुए सबसे ऊपर स्थान हासिल किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है जो चीन, रूस, और अमेरिका जैसे बड़े देशों से भी ज्यादा है। यह भारत के लिए एक बड़ी सफलता है, खासकर जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी और अस्थिरता के दौर से गुजर रही है।
भारत का नंबर वन स्थान
भारत 2024 के लिए G-20 देशों की प्रक्षिप्त जीडीपी ग्रोथ रेट में सबसे ऊपर है। भारत की अनुमानित ग्रोथ रेट 7 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है, जो न सिर्फ एशिया में, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे तेज विकास दर है। यह आंकड़े भारत के लगातार सुधारात्मक उपायों और मजबूत आर्थिक नीतियों का प्रतिफल हैं, जिन्होंने वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद देश को सकारात्मक विकास की राह पर बनाए रखा है।
अन्य देशों की रैंकिंग
2024 के लिए G20 देशों में भारत के बाद दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया है, जिसकी अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी है। तीसरे नंबर पर चीन है, जिसकी ग्रोथ रेट 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि रूस 3.6 फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ चौथे स्थान पर है। ब्राजील 3 फीसदी के साथ पांचवे स्थान पर है।
अफ्रीका और तुर्की दोनों देशों का भी अनुमानित ग्रोथ रेट 3 फीसदी है और ये क्रमशः 6वें और 7वें नंबर पर हैं। वहीं, अमेरिका 2.8 फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ 8वें नंबर पर है। कोरिया की ग्रोथ रेट 2.5 फीसदी है और वह 9वें स्थान पर है। मेक्सिको 1.5 फीसदी के साथ 10वें स्थान पर है, जबकि सऊदी अरब की ग्रोथ रेट भी 1.5 फीसदी अनुमानित है, जो उसे 11वें स्थान पर रखता है।
1 फीसदी से कम ग्रोथ रेट वाले देश
इस सूची में कुछ ऐसे देश भी हैं जिनकी 2024 के लिए अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट 1 फीसदी से भी कम है। इनमें इटली, जापान और जर्मनी जैसे बड़े देश शामिल हैं। इन देशों की आर्थिक स्थिति अभी भी कमजोर बनी हुई है और इनकी ग्रोथ रेट 1 फीसदी के नीचे रहने का अनुमान है।
अर्जेंटीना का माइनस ग्रोथ
वहीं, सबसे निराशाजनक स्थिति अर्जेंटीना की है, जहां 2024 के लिए अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट माइनस 3.5 फीसदी है। अर्जेंटीना की आर्थिक स्थिति बेहद कठिन दौर से गुजर रही है और वहां की मंदी और उच्च मुद्रास्फीति ने देश को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है।
G-20 समिट का आखिरी दिन
इस बीच ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 19वीं G-20 समिट का आयोजन हो रहा है। समिट 18 नवंबर से शुरू हो गई थी और आज यानी 19 नवंबर को इसका आखिरी दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिट में भाग लेने के लिए 17 नवंबर को रियो डी जेनेरियो पहुंचकर भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस समिट में विभिन्न देशों के नेता वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और समाधान के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं।
भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति
भारत की बढ़ती जीडीपी ग्रोथ रेट न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भी भारत की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने प्रभाव को बढ़ाया है।
भारत का आर्थिक प्रदर्शन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पूरे विश्व में आर्थिक संकट, युद्ध, और महामारी के बाद के प्रभाव से जूझते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था ने न केवल स्थिरता दिखाई है, बल्कि विकास दर को भी बनाए रखा है। 2024 में G-20 देशों के बीच भारत का आर्थिक प्रदर्शन एक प्रेरणा है। भारत की 7 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रेट न केवल देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय को भारत की आर्थिक क्षमता और भविष्य में इसके विकास की दिशा के बारे में महत्वपूर्ण संकेत भी देती है।