नई दिल्ली : इस साल G-20 की 18वीं समिट 9 और 10 सितंबर को होने जा रही है। भारत पहली बार G-20 की मेजबानी करने जा रहा है। इसके लिए काफी जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। दिल्ली को सजाया जा रहा है। इस मौके पर आइए जानते हैं, आखिर G20 है क्या और कौन-कौन से देश इसमें शामिल हैं।
क्या है G20?
जी-20, या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों का एक समूह है। इसकी स्थापना 1999 में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और विकास को एक मंच प्रदान करने के लिए किया गया था। विश्व जनसंख्या के तेजी से वृद्धि, विभिन्न देशों के बीच आर्थिक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में उत्थान के समय में एक समृद्ध और सुरक्षित विश्व की दिशा में कदम रखने का माध्यम जी-20 है। यह विश्व के चुने हुए 19 देशों और यूरोपीय संघ का एक संगठन है, जो कि दुनिया की व्यापक गतिशीलता और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करता है।
जी-20 में शामिल देश
जी-20 के सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल हैं।
जी-20 कैसे काम करता है?
जी-20 का सालाना शिखर सम्मेलन होता है, जो आमतौर पर जून या जुलाई में आयोजित किया जाता है। शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री भाग लेते हैं। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक और विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और समाधान करना है। जी-20 के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए वर्ष भर में विभिन्न समितियों की बैठकें आयोजित की जाती हैं। इन समितियों में वित्त, व्यापार, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और आतंकवाद निरोध जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
जी-20 के लक्ष्य
जी-20 के लक्ष्य वैश्विक आर्थिक और विकास को बढ़ावा देना है, आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना है और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना हैं। जी-20 ने कई महत्वपूर्ण पहलों को शुरू किया है, जैसे अंतरर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार, अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन से निपटना, सतत विकास को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
जी-20 की भूमिका
जी-20 दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी वजह से जी-20 के निर्णयों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। जी-20 ने वैश्विक वित्तीय संकट को हल करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत विकास को बढ़ावा देने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सफलतापूर्वक काम किया है।
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भारत और जी-20
भारत जी-20 का एक संस्थापक सदस्य है। भारत जी-20 के माध्यम से वैश्विक आर्थिक और विकास में अपनी भूमिका निभा रहा है। भारत जी-20 की विभिन्न समितियों में सक्रिय रूप से भाग लेता है और शिखर सम्मेलन में एक प्रमुख खिलाड़ी है। इसबार भारत पहली बार जी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत जी-20 के माध्यम से कई लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास कर रहा है। जैसे भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, भारत के व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन प्रयासों को बढ़ावा देना।