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ICAE : अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में बोले मोदी, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा भारत

by Rakesh Pandey
International Conference of Agricultural Economists
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सेंट्रल डेस्क :  International Conference of Agricultural Economists : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र (एनएएससी) परिसर में कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय संघ के समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि 65 साल बाद भारत में ऐसा सम्मेलन आयोजित हो रहा है।

 International Conference of Agricultural Economists : भारतीय किसानों, मछुआरों की ओर से किया स्वागत

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हए कहा कि आप सभी यहां दुनिया के अलग-अलग देशों से आए हैं। मैं भारत के 12 करोड़ किसानों, 3 करोड़ से ज्यादा महिला किसानों और देश के 3 करोड़ मछुआरों की तरफ से आपका स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि आज आप ऐसे देश में हैं जहां 55 करोड़ पशु रहते हैं। पीएम ने कृषि प्रधान और पशु प्रेमी सहित सभी का भारत में स्वागत किया।

ICAE: भारत दुनिया में दूध, दालों और मसालों का नंबर एक उत्पादक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत खाद्य अधिशेष वाला देश बन गया है। वैश्विक खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 टिकाऊ कृषि पर केंद्रित है। वहीं उन्होंने कहा कि पिछली बार जब सम्मेलन यहां आयोजित किया गया था, तब भारत ने तुरंत स्वतंत्रता प्राप्त की थी और यह देश की कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था। अब भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश है। भारत देश दुनिया में दूध, दालों और मसालों का नंबर एक उत्पादक है। साथ ही, देश खाद्यान्न, फल, सब्जियां, कपास, चीनी और चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है।

ICAE: रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को दे रहा बढ़ावा

वहीं पीएम ने आगे ये भी कहा कि एक समय था जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए चिंता का विषय थी। अब भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में फसलों की 1,900 नई जलवायु-लचीली किस्में प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि भारत रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है। देश पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।

ICAE: 7 अगस्त तक त्रिवार्षिक सम्मेलन किया जा रहा आयोजित

इस सम्मेलन में 70 देशों के लगभग 1,000 प्रतिनिधि शामिल हुए। अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री संघ द्वारा आयोजित यह त्रिवार्षिक सम्मेलन 2 से 7 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ‘स्थायी कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन’ है। सम्मेलन वैश्विक कृषि चुनौतियों के प्रति भारत के सक्रिय दृष्टिकोण को उजागर करेगा और कृषि अनुसंधान और नीति में देश की प्रगति को प्रदर्शित करेगा।

 International Conference of Agricultural Economists : पेशेवरों व शोधार्थियों का नेटवर्क तैयार करने का मंच

यह कार्यक्रम युवा शोधकर्ताओं और अग्रणी पेशेवरों को अपना काम प्रस्तुत करने और वैश्विक साथियों के साथ नेटवर्क बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। वहीं अगर इसकी उद्देश्य करे तो अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी को मजबूत करना है। इसके साथ ही राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर नीति निर्धारण को प्रभावित करना और डिजिटल कृषि और टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों में प्रगति सहित भारत की कृषि प्रगति को प्रदर्शित करना है।

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