दुमका : झारखंड के दुमका जिले के श्रीरामकृष्ण आश्रम प्लस टू उच्च विद्यालय, जो झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन केंद्र के रूप में चिन्हित है, वहां शुक्रवार देर रात भयानक आग लग गई। इस हादसे में लगभग 800 से 900 उत्तरपुस्तिकाएं जलने की खबर है, जिनमें से 200 से 250 कॉपियां पूरी तरह खाक हो गईं, जबकि बाकी आंशिक रूप से जली बताई जा रही हैं।
प्रारंभिक जांच में साजिश की आशंका
मौके की शुरुआती जांच में आगजनी की साजिश की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार, स्कूल भवन के पीछे लोहे की खिड़की के गैप से ज्वलनशील पदार्थ जैसे मोबिल या डीजल डाला गया था। प्लास्टिक सामग्री की मदद से आग को सुलगाया गया ताकि धीरे-धीरे उत्तरपुस्तिकाएं जल जाएं। विशेष बात यह रही कि आग उसी कमरे में लगी जहां मूल्यांकन हेतु रखी गई कॉपियां मौजूद थीं।
मूल्यांकन केंद्र की निदेशक ने दी थी सूचना
रात करीब 2:00 बजे, स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका व मूल्यांकन केंद्र निदेशक प्रियंका कुमारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार को फोन कर आग की सूचना दी। सूचना मिलते ही प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
चार मूल्यांकन केंद्रों में से एक में हुई घटना
डीईओ भूतनाथ रजवार ने बताया कि दुमका जिले में जैक बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा के चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से SRK आश्रम विद्यालय में यह हादसा हुआ। जली हुई उत्तरपुस्तिकाओं में से कुछ की पहले ही जांच हो चुकी थी और उन्हें एक अलग कमरे में रखा गया था, जबकि कुछ कॉपियों का मूल्यांकन शेष था।
छात्रों के भविष्य पर संकट, बोर्ड पर दबाव
उत्तरपुस्तिकाएं जलने की यह घटना न सिर्फ एक प्रशासनिक चूक है, बल्कि हजारों छात्रों के भविष्य पर भी सवालिया निशान खड़े करती है। यदि इन कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हुआ था, तो उनके अंक कैसे निर्धारित होंगे? JAC बोर्ड को अब इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने होंगे।
जांच तेज, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन पर कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था में चूक के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोग और शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है, “क्या इतने महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे?”
संभावित कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने जांच टीम का गठन कर दिया है। विभाग ने दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत हैं। दूसरी ओर आग से प्रभावित उत्तरपुस्तिकाओं की डुप्लीकेट मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।