जम्मू : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता औऱ जम्मू-कश्मीर के नगरोटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक देवेंद्र सिंह राणा का गुरुवार को 59 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने हरियाणा के फैजाबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांसें लीं। हालांकि अब तक उनकी मृत्यु के कारण का पता नहीं चल पाया है।
राणा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई थे। राणा को जम्मू क्षेत्र के प्रभुत्व वाले डोगरा समुदाय के लिए मजबूत आवाज माना जाता था। करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी करने से लेकर सत्ता के गलियारों तक प्रभाव रखने वाले राणा एक प्रमुख राजनेता थे।
कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में वे जम्मू जिले के नगरोटा क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर विधानसभा क्षेत्र के लिए चुने गए थे। राणा के निधन पर कई नेताओं ने शोक प्रकट किया। जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि यह खबर विशेष रूप से एक शुभ दिन पर निराशाजनक है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और जितेंद्र सिंह जी के सथ है। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना, ओम शांति।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि देवेंद्र राणा जी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर झटका लगा। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व कुलपति अमिताभ भट्ट ने कहा कि उल्लेखनीय उद्यमी और राजनेता, महान व्यक्तित्व वाले देवेंद्र राणा के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुख हुआ। वह उन्हें जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अच्छी तरह से जानते थे। वह बिना किसी संदेह के बेहद प्रभावशाली नेता थे और एक समय में उमर अब्दुल्ला के बहुत बड़े विश्वासपात्र थे।
राणा के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। बीजेपी प्रवक्ता साजिद युसूफ ने कहा कि राणा जम्मू-कश्मीर में एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति थे। उनके आकस्मिक निधन से बीजेपी और उनके समर्थक सदमे में हैं।
उमर अब्दुल्लाह के थे बेहद खास
बिजनेसमैन से राजनेता बने राणा हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नेशनल कांफ्रेंस के जोगिंदर सिंह को 30,472 वोटों के उच्चतम अंतर से हराया था और दूसरी बार नगरोटा से विधायक बने थे। 2014 के चुनाव में भी उन्होंने नगरोटा से जीत हासिल की थी।
उमर अब्दुल्ला के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट रहे राणा बेहद भरोसेमंद सिपाही थे। दो दशक से अधिक समय तक पार्टी में एक विशेष स्थान रखने वाले राणा 2021 में बीजेपी में शामिल हो गए। जम्मू संभाग में उनकी जड़ें बेहद गहरी थीं और स्थानीय समुदाय के साथ उनके तालमेल ने उन्हें क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रसिद्ध चेहरा बना दिया था।
समर्थकों का लगा तांता
उनके निधन की खबर फैलते ही उनके समर्थक, सहयोगी और मित्र जम्मू स्थित उनके गांधीनगर आवास पर जुटने लगे। मृतक का शव शुक्रवार को जम्मू पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। एआईसीसी महासचिव गुलाम अहमद मीर, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, बीजेपी नेता जुल्फिकार अली आदि ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर शोक व्यक्ति किया है।