Jamshedpur News : झारखंड में लगातार हो रही हाथियों की मौत (Elephant Deaths) ने एक बार फिर राज्य के वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विधायक एवं पर्यावरणविद् सरयू राय ने कहा है कि झारखंड सरकार वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर बेहद लापरवाह है।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले झाड़ग्राम जिले के बसंतपुर स्टेशन के पास तीन हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इससे पहले मुसाबनी में बिजली के करंट से पांच हाथियों की जान चली गई थी। वहीं सारंडा जंगल में दो और हाथियों की मौत की खबर है। सरयू राय ने कहा, “जब हाथियों के भोजन जैसे बांस, फलदार पेड़ और जलस्रोत जंगलों में खत्म होते जा रहे हैं, तब वे आबादी की ओर आने को मजबूर होते हैं। दूसरी ओर, इंसान जंगल में घुस रहा है। यह टकराव हाथियों की मौत का बड़ा कारण बनता जा रहा है।”
उन्होंने झारखंड सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यहां आज तक एक भी Wildlife Rehabilitation Centre नहीं है, जबकि देश के हर प्रमुख राज्य में वन्य जीवों के उपचार और पुनर्वास के लिए इस तरह के सेंटर मौजूद हैं। सरयू राय ने कहा कि सरकार ने 10 दिन पहले State Wildlife Board का गठन किया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसमें एक भी Wildlife Expert को शामिल नहीं किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब मुसाबनी में हाथियों की मौत हुई थी, तब वे खुद दिल्ली तक गए थे, लेकिन राज्य का वन विभाग पूरी तरह निष्क्रिय बना रहा। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर DFO (Divisional Forest Officer) एक साथ चार पदों का प्रभार संभाल रहे हैं और पूरे विभाग में Forest Staff की भारी कमी है। सरयू राय ने दो टूक कहा “हाथियों की हो रही लगातार मौतें और वन विभाग की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि झारखंड सरकार पर्यावरण संरक्षण और Wildlife Conservation जैसे विषयों को गंभीरता से नहीं ले रही।”