Jamshedpur (Jharkhand) : पूर्वी सिंहभूम जिले के पंचायत प्रतिनिधियों का धैर्य अब जवाब दे गया है। विभागीय अधिकारियों की लगातार लापरवाही से आजिज आकर पंचायत समिति सदस्यों ने जिला प्रशासन को कड़ी चेतावनी दे दी है। जनप्रतिनिधियों ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि विभागीय उदासीनता पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो वे सामूहिक रूप से प्रखंड विकास कार्यालय (Block Development Office) के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।
उपायुक्त को दी जानकारी, तीन वर्षों से बैठकों में अनुपस्थित रहते हैं अधिकारी
आज पंचायत समिति सदस्य संघ और जमशेदपुर प्रखंड के संयुक्त तत्वावधान में पंचायत प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल नवपदस्थापित उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मिला। मुलाकात की शुरुआत औपचारिक रूप से उपायुक्त को पुष्पगुच्छ भेंट कर बधाई देने के साथ हुई। हालांकि, यह औपचारिक शिष्टाचार जल्द ही गंभीर चर्चा में बदल गया, जब जनप्रतिनिधियों ने विभागीय उदासीनता के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए एक विस्तृत मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा।
मासिक बैठकों की उपेक्षा से जनप्रतिनिधियों में आक्रोश
प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को दिए गए ज्ञापन में बताया कि पिछले तीन वर्षों से जिले के सभी 11 प्रखंडों में सामान्य प्रशासन समिति की मासिक बैठकें महज खानापूर्ति बनकर रह गई हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि विभागीय अधिकारी इन बैठकों में अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। कुछ अधिकारी यदि उपस्थित भी होते हैं, तो वे जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए जनहित के महत्वपूर्ण सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते। ज्ञापन में कहा गया है कि यह अस्वीकार्य स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, जबकि बैठकों की सूचना सभी संबंधित विभागों को नियमित रूप से पहले ही भेजी जाती रही है।
पहले भी दिया ज्ञापन, कार्रवाई न होने पर अब धरने की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को यह भी याद दिलाया कि उन्होंने 16 मई को भी तत्कालीन उपायुक्त से मिलकर एक विस्तृत मांग पत्र सौंपा था, जिसमें इन सभी गंभीर समस्याओं का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था। लेकिन, दुर्भाग्यवश, उस ज्ञापन पर अब तक कोई भी ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। इस उदासीन रवैये के कारण जिले के जनप्रतिनिधियों में गहरा असंतोष व्याप्त है। अब उन्होंने अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भविष्य में आयोजित होने वाली मासिक बैठकों में विभागीय अधिकारियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित नहीं की जाती है, तो वे प्रखंड विकास कार्यालय के समक्ष सामूहिक धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जनता के हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार और प्रशासन की इस तरह की लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपायुक्त ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल की ओर से बताया गया है कि जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने पंचायत समिति सदस्यों द्वारा उठाए गए इस गंभीर मामले को पूरी गंभीरता से लिया है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि आगामी मासिक बैठकों में सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पंचायत समिति के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हैं और उनके द्वारा उठाए गए सवालों का उचित जवाब देना हर विभागीय पदाधिकारी की नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है। उपायुक्त ने यह भी चेतावनी दी कि जो भी अधिकारी भविष्य में बिना किसी ठोस कारण के बैठकों से अनुपस्थित रहेंगे, उनके खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य
उपायुक्त से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में जमशेदपुर प्रखंड प्रमुख पानी सोरेन, उप प्रमुख शिव कुमार हॉसदा, पंचायत समिति संघ अध्यक्ष सतबीर सिंह बग्गा, पोटका से मंजू सरदार, सरस्वती, सीताराम हॉसदा, मुसाबनी से फुलमुनी मुर्मू, हरी नारायण, डुमरिया से फुलमनी हेंब्रम, जमशेदपुर से किशोर सिंह, रैना पूर्ति, सुनील गुप्ता, सुशील कुमार, सोनिया भूमिज, जैस्मिन गुड़िया, आरती करूवा, रुक्मिणी टुडू, संगीता पात्रों, रवि कुरली, श्वेता जैन, द्रौपदी मुंडा, लक्ष्मी बोदरा, नारायण बेसरा, दीपू सिंह भूमिज, पंकज महतो, मुखिया बसंती गुप्ता और नीनु कुदादा सहित कई अन्य प्रमुख पंचायत प्रतिनिधि शामिल थे।

