चाईबासा : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA), रांची के निर्देशानुसार तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA), पश्चिमी सिंहभूम-चाईबासा के तत्वावधान में एक दिवसीय जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन कार्यक्रम का आयोजन न्यायालय परिसर स्थित सभागार में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, डीएलएसए, मोहम्मद शाकिर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल संरक्षण प्रणाली, किशोर न्याय अधिनियम 2015, पोक्सो अधिनियम 2012 और विधिक सहायता योजनाओं की जानकारी सभी हितधारकों तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए हम सभी की सहभागिता आवश्यक है।
पोक्सो कानून लड़कों और लड़कियों दोनों पर समान रूप से लागू : संतोष आनंद प्रसाद
तकनीकी सत्र में विशेष न्यायाधीश (पोक्सो कोर्ट) संतोष आनंद प्रसाद ने कहा कि पोक्सो अधिनियम 2012 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों को दंडनीय बनाया गया है और यह कानून बालक और बालिका दोनों पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इन मामलों में संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ कार्य करना चाहिए। साथ ही उन्होंने बाल कल्याण समिति और चिकित्सकों की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की।
जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए जानकारी जरूरी : अक्षत श्रीवास्तव
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अक्षत श्रीवास्तव ने कहा कि हमें किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुरूप कार्य करना चाहिए ताकि हम समाज में एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा कि जानकारी और समझ से ही हम बदलाव ला सकते हैं।
प्रधान दंडाधिकारी, जेजेबी सुप्रिया रानी तिग्गा ने किशोर न्याय बोर्ड की कार्यप्रणाली, परिवीक्षा पदाधिकारी की भूमिका और विधि उल्लंघन करने वाले बच्चों की देखभाल की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
धन्यवाद ज्ञापन और सहभागिता
कार्यक्रम का समापन डीएलएसए सचिव रवि चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न थाना प्रभारी, सदर अस्पताल के चिकित्सक, एलएडीसी के अधिवक्ता, पैनल अधिवक्ता, डीसीपीओ, सीडब्ल्यूसी सदस्य एवं अधिकार मित्रों की सक्रिय भागीदारी रही।