रांची : झारखंड के वीर सपूत कांस्टेबल सुनील धान, जिन्होंने पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED विस्फोट में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, को रविवार को रांची स्थित टेंडर ग्राम के झारखंड जगुआर मुख्यालय में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
श्रद्धांजलि सभा में उमड़े लोग
झारखंड जगुआर मुख्यालय में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद कांस्टेबल को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके शोक संतप्त परिवार से मिलकर ढांढ़स बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा, “शहीदों के परिवार के साथ सरकार हमेशा खड़ी रहेगी। नक्सलवाद अब अंतिम चरण में है और हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।”
शामिल हुए प्रदेश के शीर्ष अधिकारी
श्रद्धांजलि देने पहुंचे राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी, जिनमें राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी अनुराग गुप्ता, आईजी (अभियान), आईजी सीआरपीएफ, आईजी रांची, डीआईजी सह रांची एसएसपी चंदन कुमार, इन सभी अधिकारियों ने वीर जवान को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके बलिदान को नमन किया।
कैसे शहीद हुए सुनील धान?
झारखंड जगुआर के कांस्टेबल सुनील धान पश्चिमी सिंहभूम में नक्सल रोधी अभियान में शामिल थे। उसी दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाए गए IED विस्फोट में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी वीरगति ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया, लेकिन साथ ही उनकी बहादुरी ने हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
नक्सलवाद पर बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, “नक्सलवाद देशभर के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन झारखंड जैसे राज्यों में हमारे जवानों के समर्पण और साहस ने इसे काफी हद तक नियंत्रित किया है। सरकार हर शहीद परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।”