रांची : रांची की पीएमएलए विशेष कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें ईडी ने राज्य सरकार से यह आग्रह किया था कि वह आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को किसी भी विभाग की जिम्मेदारी ना सौंपे। यह आदेश पूजा सिंघल के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि इससे उनकी पोस्टिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ईडी की याचिका पर कोर्ट का फैसला
ईडी ने कोर्ट में यह दावा किया था कि यदि पूजा सिंघल को राज्य सरकार किसी विभाग की जिम्मेदारी देती है, तो वह अपने पद का दुरुपयोग कर सकती हैं और मामले को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, इस पर कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि पोस्टिंग का अधिकार राज्य सरकार को है, और कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन शर्तों पर पूजा सिंघल की जमानत दी गई थी, वे पहले ही काफी हैं, और इस मामले में और शर्तों की आवश्यकता नहीं महसूस होती।
ईडी की छापेमारी और गिरफ्तारी
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का नाम मनरेगा घोटाले में सामने आया था, जिसके बाद ईडी ने 11 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया। इससे पहले 5 मई 2022 को ईडी ने उनके 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें बेहिसाब पैसे और अन्य संदिग्ध निवेश की जानकारी मिली थी। छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन सिंह के आवास और कार्यालय से 19.31 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे।
जमानत और विभाग में पोस्टिंग
पूजा सिंघल को 7 दिसंबर 2022 को बीएनएस कानून के तहत जेल से रिहा किया गया था, लेकिन वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभियुक्त बनी हुई हैं। कानूनी प्रावधानों के तहत, जेल से बाहर रहने के दौरान उनका सस्पेंशन समाप्त कर दिया गया है। इसके बाद, राज्य सरकार ने उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग की सचिव के रूप में पोस्टिंग दी है।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच जारी
हालांकि पूजा सिंघल को राहत मिली है, लेकिन उनका मनी लॉन्ड्रिंग केस अभी भी चल रहा है। ईडी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। कोर्ट के हालिया आदेश ने राज्य सरकार को पूजा सिंघल के विभागी कार्यों में हस्तक्षेप करने से रोक दिया है, लेकिन उनकी जांच और कानूनी प्रक्रियाएं जारी रहेंगी।