Ranchi (Jharkhand) : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने आखिरकार उन हजारों अभ्यर्थियों का इंतजार खत्म कर दिया, जो झारखंड प्रशिक्षित स्नातक सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 के तहत गणित और विज्ञान विषयों के परिणाम की राह देख रहे थे। आयोग ने शुक्रवार की देर रात लगभग 1 बजे अपनी वेबसाइट पर इन बहुप्रतीक्षित परिणामों को अपलोड कर दिया। हालांकि, अधिकांश अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी शनिवार को मिल पाई।

देर रात परिणाम जारी होने से अभ्यर्थी हैरान
परिणाम जारी होने का समय कई अभ्यर्थियों के लिए आश्चर्यजनक रहा। कुछ अभ्यर्थियों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि आयोग द्वारा इस प्रकार देर रात परिणाम जारी करने से वे असमंजस की स्थिति में हैं, क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी सुबह मिली। आयोग ने इस परीक्षा के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के लिए गणित और विज्ञान विषयों के कुल 5008 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। इन पदों के लिए 2734 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था। हालांकि, अंतिम रूप से आयोग ने केवल 1661 अभ्यर्थियों को ही सफल घोषित किया है। इनमें 1390 गैर-पारा शिक्षक और 271 पारा शिक्षक शामिल हैं।
बिना सूचना के परिणाम जारी, आयोग के रवैये पर सवाल
आयोग द्वारा बिना किसी पूर्व आधिकारिक सूचना या प्रेस नोट के इस तरह रात के समय परिणाम जारी करना अभ्यर्थियों के लिए चौंकाने वाला रहा। सुबह जब अभ्यर्थियों ने वेबसाइट पर परिणाम देखा, तो उन्हें इसकी जानकारी हुई। जब इस संबंध में आयोग का पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो आयोग के एक अधिकारी ने संक्षिप्त रूप से कहा कि सभी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
आयोग ने सफल अभ्यर्थियों की सूची जिलावार और श्रेणीवार (पारा शिक्षक और गैर-पारा शिक्षक) जारी की है। कुछ प्रमुख जिलों में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या इस प्रकार है:
रांची – गैर पारा- 94, पारा शिक्षक- 33
गिरिडीह – गैर पारा- 152, पारा शिक्षक – 44
पलामू – गैर पारा- 134, पारा शिक्षक- 08
धनबाद – गैर पारा- 70, पारा शिक्षक- 34
पूर्वी सिंहभूम – गैर पारा- 67, पारा शिक्षक- 21
दुमका – गैर पारा- 68, पारा शिक्षक- 12
बोकारो – गैर पारा शिक्षक- 61
साहिबगंज – गैर पारा- 40, पारा शिक्षक- 05
कोडरमा – गैर पारा- 37, पारा शिक्षक- 05
लोहरदगा – गैर पारा- 17, पारा शिक्षक- 02
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लेख
परीक्षाफल को लेकर जारी आदेश में झारखंड हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रासंगिक निर्देशों का भी हवाला दिया गया है। गिरिधर कुमार राउत एवं अन्य की याचिका के संदर्भ में आयोग ने स्पष्ट किया है कि कुछ सफल अभ्यर्थियों के जिला आवंटन में बदलाव संभव है। इसके अतिरिक्त, कुछ अभ्यर्थियों के परिणाम न्यायालय के आदेशों के कारण फिलहाल लंबित रखे गए हैं, जिनमें बिप्लव दत्ता बनाम राज्य सरकार से संबंधित याचिका का निर्णय प्रमुख है।
JSSC teacher result : सफलता का जश्न और अनसुलझे सवाल
परिणाम जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने अपनी सफलता का जश्न मनाया, लेकिन एक बड़ा वर्ग अब भी कई सवालों के साथ असमंजस की स्थिति में है। इस मामले में सक्रिय अभ्यर्थी राजेश कुमार सिन्हा ने कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाए गए 2734 अभ्यर्थियों में से केवल 1661 का ही परिणाम क्यों जारी किया गया? बाकी अभ्यर्थियों का सत्यापन हो चुका है, फिर भी उनका परिणाम क्यों नहीं आया? 5008 रिक्तियों के मुकाबले केवल 1661 अभ्यर्थियों की नियुक्ति क्यों की जा रही है? क्या शेष पद रिक्त रह जाएंगे या उनके लिए अगली सूची जारी की जाएगी? इसके अलावा, आरक्षित श्रेणियों में कई पद खाली रहने के बावजूद गैर-आरक्षित योग्य अभ्यर्थियों से उन्हें क्यों नहीं भरा गया?
अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से इन सभी सवालों का कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनमें चिंता और निराशा का माहौल है।
JSSC teacher result : नौ साल बाद भी अधूरी उम्मीद
यह उल्लेखनीय है कि यह भर्ती प्रक्रिया लगभग नौ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद संपन्न हो रही है। इतने लंबे समय से शिक्षक पदों पर नियुक्ति का इंतजार कर रहे हजारों युवाओं के लिए यह परीक्षा उम्मीद की एक महत्वपूर्ण किरण थी। हालांकि, परिणाम की अपूर्णता ने कई योग्य अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। आयोग द्वारा जिन अभ्यर्थियों के परिणाम रोके गए हैं, उनमें से कुछ की स्थिति न्यायालय के अंतिम फैसलों के बाद स्पष्ट हो सकती है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में आयोग द्वारा दूसरी सूची या संशोधित परीक्षाफल जारी किया जा सकता है। फिलहाल, आयोग ने इस पूरे मामले पर कोई भी आधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया है।
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