चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में ग्रामीण विकास विभाग (आरईओ) में कनीय अभियंता के पद पर पदस्थापित रविशंकर चौधरी ने सोमवार की अहले सुबह अपने किराये के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कनीय अभियंता चाईबासा शहर के महुलसाई मे एक किराये के मकान में रहते थे। वो पलामू जिले में पड़ने वाले मेदिनीनगर के मूल निवासी थे।
मुफस्सिल थाने की पुलिस ने शव को मकान से बरामद कर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। रविशंकर चौधरी एक पैर से दिव्यांग थे। महुलसाई में वो अपनी पत्नी व एक बच्चे के साथ करीब वर्ष 2018 से रह रहे थे। आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। विभागीय लोगों ने बताया कि रवि शंकर काफी मिलनसार थे।
कभी किसी तरह के विवाद में नहीं पड़ते थे। हालांकि कुछ दिनों से रात में नींद नहीं आने की चर्चा अपने सहकर्मियों से कर रहे थे। आशंका जतायी जा रही है कि पारिवारिक तनाव की वजह से उन्होंने आत्महत्या की है। घटना के समय पत्नी व बच्चे घर पर नहीं थे। रविशंकर के आत्महत्या कर लेने की सूचना मिलने पर सोमवार को आरईओ के कर्मचारी सदर अस्पताल पहुंचे थे।
इसकी सूचना मृतक की पत्नी को भी दी गयी। पत्नी पवंती देवी व कनीय अभियंता के भाई भी सदर अस्पताल पहुंच गये थे। पुलिस ने पत्नी के बयान पर अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। मुफस्सिल थाना प्रभारी पवन चंद्र पाठक ने बताया कि जेई का शव सोमवार की सुबह करीब 10 बजे उसके किराये के मकान की खपरैल छत की लकड़ी के एंगल से गमछे से लटका बरामद किया गया। आत्महत्या की वजह अभी तक पता नहीं चल पायी है। पुलिस अपनी तरफ से जांच कर रही है।