Mahakumbh2025 -12 साल के बाद महाकुंभ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाला है। 2025 में होने वाले इस आयोजन की तैयारी जोरों पर है। इन तैयारियों का जायजा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ संगम नगर पहुंचे। संगम पहुंचकर सीएम योगी ने गंगा पूजन किया।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ 2025 के सफल आय़ोजन के लिए मां गंगा का आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे अक्षयवट निरीक्षण और हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे। इसके बाद सीएम ने गंगा पंडाल परेड मैदान में अखाड़े के संतों के साथ मुलाकात की।
सीएम योगी 6500 करोड़ की योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। इस बैठक में सीएम ने कहा कि इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि बाहरी ताकत मेले में घुसपैठ न कर पाएं, जिससे खतरा हो। दरअसल संतों की मांग है कि महाकुंभ मेले में गैर-हिंदुओं को एंट्री न दी जाए। अध्यात्म और ज्ञान के महासंगम के दौरान सीएम चाहते हैं कि महाकुंभ के परिसर में बैरिकेड्स लगाए जाएं।
उर्दू शब्दों से आपत्ति
संतों ने पेशवाई और शाही स्नान जैसे उर्दू और फारसी शब्दों को लेकर आपत्ति जताई है। सीएम के साथ बैठक के लिए कुल 13 अखाड़े के संतों को बुलाया गया था। विभिन्न अखाड़ों के शाही स्नान के समय को लेकर सीएम और संतों के बीच बातचीत हुई। इसके साथ ही अन्य तैयारियों के संबंध में भी सीएम ने संतों से राय मशविरा किया। योगी ने संतों को आश्वासन दिया है कि प्रशासन अखाड़ों के साथ मिलकर बेहतर आयोजन की रूपरेखा तैयार करेगा।
प्रशासन की काउंसिलिंग अनिवार्य
योगी ने कहा कि जो भी कार्मिक महाकुंभ में डिप्लॉय किए जाएंगे, वे सिविलियन, संगठनों से जुंड़े, स्वंयसेवक गण, यूपी पुलिस, पीएससी औऱ होमगार्ड से संबंधित होने चाहिए। साथ ही उन्होंने इन सबकी काउंसिलिंग पर जोर देते हुए कहा कि श्रद्धालुओं से व्यवहार करने का तरीका सीखें।
पीएम करेंगे कॉरिडोर का उद्धाटन
दूसरी ओर अक्षयवट के पौराणिक महत्वों को ध्यान में रखते हुए दिसंबर में पीएम नरेंद्र मोदी भी प्रयागराज का दौरा करेंगे। महाकुंभ से पहले पीएम अक्षयवट कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। तीन साल पूर्व पीएम ने ही इसे पहली बार जनता के हवाले करने की घोषणा की थी।
डिजिटल दर्शन की व्यवस्था
अगले साल होने वाले इस महाकुंभ में श्रद्धालु डिजिटली भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग डिजिटल कुंभ म्यूजियम बना रहा है। यहां भक्त डिजिटली सागर-मंथन देख सकेंगे। यह म्यूजियम 10,000
स्कवायर फीट में बनेगा। इसके लिए 21.38 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। समुद्र मंथन के लिए 14 रत्नों वाली गैलरी भी बनाई जा रही है।
कब से शुरू होगा मेला
13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत होने वाली है। यह आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार होता है। इश मेले का ज्योतिष और आस्था दोनों से संबंध है। कहते हैं जब वृहस्पति वृष राशि में होता है, तब कुंभ मेले का आयोजन होता है। सूर्य और चंद्रमा के मकर राशि में प्रवेश करने पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा।
पहला शाही स्नान 14 जनवरी यानि मकर संक्रांति के दिन होगा। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को और तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी यानि बसंत पंचमी को होगा। इसके अलावा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर भी स्नान का काफी महत्व होगा।
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