Jamshedpur : जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में हाल ही में हुए हादसे की जांच अब तेज़ी से आगे बढ़ रही है। जिला उपायुक्त द्वारा गठित पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति ने लगातार घटनास्थल का दौरा कर पूरे मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है।
जांच टीम ने सबसे पहले एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके मंधान के साथ एक लंबी बैठक की, इसमें हादसे से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से जानकारी ली गई। इसके बाद टीम ने उस भवन का निरीक्षण किया जहां हादसा हुआ था। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वह भवन पहले से ही काफी जर्जर स्थिति में था।
इसके अलावा, भवन के नीचे गहरे गड्ढे खोदे गए थे, जिससे इसकी नींव और अधिक कमजोर हो गई थी। केएमवीपी कंपनी द्वारा भवन को गिरने से बचाने के लिए लोहे के जैक लगाए गए थे, लेकिन यह प्रयास नाकाफी साबित हुआ।
चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि कोरोना काल के बाद से एमजीएम अस्पताल के भवनों की स्थिति का कोई सर्वे नहीं किया गया। जांच टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यदि भवन की हालत इतनी खराब थी तो इसकी जानकारी समय रहते अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई।
टीम ने केएमवीपी कंपनी के मैनेजर को भी पूछताछ के लिए बुलाया है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि भवन में जैक लगाने का निर्णय आखिर किन परिस्थितियों में लिया गया और क्या इससे पहले किसी प्रकार की चेतावनी या अलर्ट जारी किया गया था।
इस उच्च स्तरीय जांच टीम में एडीसी भागीरथ प्रसाद, एसडीओ शताब्दी मजूमदार, कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता लालजीत राम और एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दिवाकर हांसदा शामिल हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भी इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और उपायुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
Read also Jamshedpur Air Strike drill : CH एरिया में 7 मई को एयर स्ट्राइक मॉक ड्रिल, 4 बजे बजेगा सायरन