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Anti paper leak law: देश में एंटी पेपरलीक कानून लागू, जानिए कितने साल की सजा का प्रावधान

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली :  Anti paper leak law: शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के मामलों में देश में शुक्रवार को पेपर लीक कानून लागू कर दिया गया। वहीं इस पेपरलीक कानून इसी साल फरवरी में पारित हुआ था। सरकार ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं, इसे ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ नाम दिया गया है। इसके लागू होने के बाद सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। संगठित रूप से इस तरह का अपराध करने पर एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

Anti paper leak law: कब पारित हुआ था ये बिल

केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में पारित हुए कानून को शनिवार 22 जून से लागू कर दिया है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। लोक परीक्षा अधिनियम को ऐसे समय पर लागू किया गया है, जब इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया था कि इसे कब लागू किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंत्रालय नियम बना रहा है।

Anti paper leak law: अब सभी परीक्षाएं होंगी कानून के दायरे में

विधेयक के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं ही आएंगी।

Anti paper leak law: परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियां पर अब कंट्रोल करेगा कानून

प्रश्नपत्र या उनके उत्तर लीक करना, जिससे परीक्षार्थी की किसी भी प्रकार की मदद मिल सके। वहीं, कंप्यूटर नेटवर्क के साथ छेड़खानी करना ताकि पेपर की जानकारी पहले से मिल जाए। सीधे पेपर लीक न करते हुए परीक्षार्थियों को अन्य तरीके से हेराफेरी करके फायदा पहुंचाना। किसी भी ऐसे व्यक्ति का परीक्षा केंद्र में प्रवेश वर्जित है जो न तो परीक्षा में ड्यूटी कर रहा हो, या जो परीक्षार्थी न हो। वहीं, गड़बड़ी एक व्यक्ति द्वारा की जाए या संगठित रूप से एक समूह द्वारा की जाए या फिर किसी संस्था द्वारा की जाए, यह इस कानून के तहत अपराध है। लाभ के लिए फर्जी वेबसाइट बनाना या फिर फर्जी परीक्षा आयोजित करना भी अपराध है।

यहां बता दें कि मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नीट में हुई गड़बड़ियों को लेकर इन दिनों जमकर विवाद हो रहा है। दरअसल 5 मई को हुए नीट के एग्जाम में 67 बच्चों ने टॉप किया, जो असामान्य बात है। इसमें भी कथित रूप से पेपरलीक होने की बात सामने आई। तब जब नीट परीक्षाओं को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, सरकार ने परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कानून लागू कर दिया है।

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