स्पेशल डेस्क,नई दिल्ली : अगर आप अपने बच्चों की बेहतर परवरिश को लेकर चिंतित हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखें।मनोविश्लेषण को की ओर से दी जाने वाली कुछ जरूरी सलाह को अपनी परिस्थितियों के अनुसार अपनाकर आप चिंता से हमेशा के लिए मुक्त हो सकते हैं। मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ जेपी मिश्रा की माने तो वयस्क मनुष्यों की अपेक्षा बच्चों की आदतों में बदलाव करना ज्यादा सहज होता है बशर्ते कि, बताने और सिखाने की प्रक्रिया बगैर किसी दबाव के अपनाई जाये। अगर आप अपने बच्चों को टैलेंटेड बनाना चाहते हैं तो इन 10 बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
1. सुबह उठने की आदत डालें : बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह जरूरी है कि उनकी दिनचर्या ठीक रहे। ऐसे में बच्चों को सुबह उठने की आदत जरूर डालें। बच्चों के देर तक सोने से बहुत सारी गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता।
2. अनुशासन का पाठ पढ़ायें : बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ना भी जरूरी है। इसके अंतर्गत आप यह बता सकते हैं कि उनका कौन सा व्यवहार सही और कौन सा व्यवहार गलत है। विद्यालय और घर में मिलने वाले अलग-अलग लोगों के प्रति उनका आचरण कैसा होना चाहिए।
3. स्क्रीन टाइम सीमित करें:
आज के बच्चे मोबाइल फ्रेंडली बन गए हैं। पढ़ाई से लेकर खेल तक के लिए वह पूरी तरह से मोबाइल और टैब पर निर्भर हो गए हैं। कई बार यह उन्हें जिद्दी होने की हद तक बिगाड़ रहा है लेकिन मौजूदा दौर में बच्चों की तकनीक से दूरी कहीं से उचित नहीं है। ऐसे में यह अभिभावक और शिक्षकों की जिम्मेदारी बन गई है कि वह बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित करें।
4. हेल्दी फूड लेने की आदत डालें: कहते हैं स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। ऐसे में बच्चों के खानपान का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। स्कूल जाते समय उनके नाश्ते से लेकर क्लासरूम टिफिन और फिर घर लौटने पर क्वालिटी फूड उपलब्ध कराना अभिभावकों की जिम्मेदारी है। बच्चों को वही खाना परोसें,जिसकी गुणवत्ता को लेकर आप शत प्रतिशत आश्वस्त हों।
5. बच्चों की रुचि को पहचानें : हर बच्चा अपने आप में बेहद खास होता है। जरूरत इस बात की होती है कि बच्चे में छिपे टैलेंट को सही समय पर पहचाना जाए। यह अभिभावकों व शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की रुचि का ख्याल रखें। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि किसी एक फील्ड में कमजोर प्रदर्शन करने वाला बच्चा किसी दूसरी फील्ड में बेहतर करता है।
6. पढ़ाई के साथ खेल का दें अवसर: बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी पर्याप्त अवसर देना चाहिए। किसी भी कमरे में बंद बच्चा चाहें पढ़ाई में कितना भी टैलेंटेड क्यों ना हो, अगर वह खेल से दूर है तो उसका संपूर्ण विकास नहीं हो रहा है। हर बच्चे की इच्छा खेलने की होती है, इसे किसी भी तरह से दबाया नहीं जाना चाहिए।
7. बच्चों के दोस्त बनें, मालिक नहीं : अच्छे अभिभावक की पहली जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों का दोस्त बने, मालिक नहीं। कई बार हम अपने बच्चों पर अपना आदेश चलाने लगते हैं, इससे बच्चे डर जाते हैं। जरूरी है कि हम अपने बच्चों के दोस्त बन कर रहें ताकि वह अपने जीवन में होने वाली हर छोटी बड़ी घटनाओं के बारे में आपसे सहजता से बात कर सके।
8. घर का माहौल शांत रखें: बच्चों के विकास पर घर के परिवेश का बहुत असर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि घर का माहौल शांत रखा जाए। परिवार के लोगों के बीच का आपसी संवाद सौंदर्यपूर्ण होना चाहिए। बच्चों के सामने बात करते समय भाषा का संयम रखें। अमर्यादित भाषा का उपयोग व अमर्यादित आचरण न करें।
9. मनोरंजन की व्यवस्था रखें: स्कूल की किताबें खरीदने के साथ-साथ अभिभावकों की यह भी जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था करें। वीकेंड अथवा दूसरी छुट्टियों पर बच्चों को अपने साथ घूमाने ले जाएं। उन्हें समाज और स्थान से परिचित करायें। सकारात्मक संदेश देने वाली फिल्में दिखाना भी बेहतर विकल्प हो सकता है।
10. सुरक्षा घेरा बनाकर रखें: बच्चों के आसपास रहने वाले लोगों की गतिविधियों पर नजर रखें। बच्चों के चारों तरफ एक अदृश्य सुरक्षा घेरा बनाए रखना बेहद जरूरी है। बच्चों के पास रहने वाला कोई भी व्यक्ति चाहें वह कितना ही करीबी क्यों ना हो, सब के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए।
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