अयोध्या/Ayodhya Ramnavmi : इस बार की रामनवमी सिर्फ अयोध्या ही नहीं, पूरे विश्व के लिए विशेष बन गई, जब अयोध्या में स्थापित नव्य-भव्य श्रीराम मंदिर में पहली बार प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया गया। इस शुभ घड़ी में राम भक्तों-श्रद्धालुओं का उत्साह तब चरम पर पहुंच गया, जब बुधवार काे दोपहर 12 बजे रामलला के भाल पर सूर्य तिलक चमक उठा। इस दौरान राम भक्तों में रामलला के दर्शन को लेकर खासा उत्साह देखा गया। अयोध्या नगरी जयश्रीराम के जयकारे से गूंज उठी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा- यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे राम लला विराजमान हो चुके हैं। रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है।
बुधवार को दोपहर 12 बजे रामलला की मूर्ति के ललाट पर 5 मिनट के लिए सूर्य की किरणें पड़ी। लेंस और शीशे से टकराकर किरणें रामलला के मस्तक तक पहुंची। इस दौरान भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। सारे भक्त जाए श्री राम के नारे लगाते नजर आए।
पूरे देश में रामनवमी की धूम, अयोध्या में रामलला का जन्मोत्सव देखने जुटे लाखों भक्त
देश भर में रामनवमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में भक्त पूरी तरह भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। बताया जाता है कि अयोध्या में रामलला का जन्मोत्सव देखने देश-विदेश से लाखों भक्त जुटे हैं। श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन करने से पहले सरयू नदी में पावन स्नान भी किया।
इस दौरान राम जन्म भूमि परिसर में प्रशासन ने सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है। जगह-जगह बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को कतार में दर्शन कराए जाने की व्यवस्था की गई है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों के परिवहन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है,जो मंगला आरती से प्रारंभ होकर रात्रि 11 बजे तक चलेगा। चार बार लगने वाले भोग के लिए केवल पांच-पांच मिनट के लिए ही पर्दा बंद होगा। श्री राम जन्मोत्सव का प्रसारण अयोध्या नगरी में लगभग सौ बड़ी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी लाइव प्रसारण किया गया।
श्रद्धालुओं की सुविधा का भी खास ध्यान रखा गया है। जूता-चप्पल रखने के साथ-साथ शुद्ध पेयजल और श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधा का भी ख्याल रखा गया है। राम नवमी की पूर्व संध्या पर अयोध्या में लेजर और लाइट शो का आयोजन किया गया था। रामलला की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज अपने परिवार के साथ अयोध्या पहुंचे हैं।
रात 2 बजे से ही सरयू घाट पर स्नान शुरू
राम नवमी की तैयारियों पर अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि हमने सभी जगहों पर तैनाती की है, साथ ही जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ड्रोन के जरिए भी हम निगरानी रख रहे हैं और राम मंदिर में राम लला की स्थापना के बाद यह पहली रामनवमी है, तो लोगों में भी बहुत उत्साह है। उन्होंने कहा, हमने सभी जगह तैनाती की है, लोगों के आने का क्रम जारी है। मंगलवार रात 2 बजे से ही सरयू घाट पर स्नान चल रहा है और बुधवार सुबह 3:30 बजे से दर्शन शुरू है। श्रद्धालु राम लला के दर्शन के लिए राम मंदिर पहुंच रहे हैं।
धर्मशाला से लेकर मंदिर परिसर तक भगवान श्री राम के नारे
राम नवमी के मौके पर प्रात: काल प्रभु राम का पंचामृत से स्नान कराया गया है। पंचामृत से स्नान करने के बाद मौजूद पुजारी ने रामनवमी के दिन प्रभु राम को इत्र लेपन से भी स्नान कराया। इसके बाद भोग आरती के बाद श्रृंगार आरती की गई। श्रृंगार आरती के बाद प्रभु राम का दरबार राम भक्तों के लिए खोल दिया गया। वही धर्मशाला से लेकर राम मंदिर परिसर तक जय श्री राम की उद्घोष के साथ राम भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं।
रामनवमी के मौके पर पूरी नगरी को त्रेता युग की तरह सजाया गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, त्रेता युग में जब प्रभु राम का जन्म हुआ था तो उस दौरान भी भगवान सूर्य एक महीने तक प्रभु राम का दर्शन कर रहे थे। त्रेता के इस दृश्य को कलयुग में भी जीवंत किया जा रहा है।
READ ALSO : रामनवमी पर विशेष: मर्यादा पुरुषोत्तम आखिर कैसे बने जन-जन के “राम”