नई दिल्ली/CAA : भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया। 2019 से ही इस कानून की प्रतीक्षा की जा रही थी। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी करते हुए कहा गया है कि यह कानून पूरे देश में प्रभावी होगा, जिसके तहत गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। इस कानून के लागू होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में पहले से रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
पहले इस बात की चर्चा हो रही थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद से इसकी घोषणा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने सोमवार को सीधे इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
CAA ऑनलाइन पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन
नागरिकता संशोधन कानून का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल पर किया जाएगा। बताया जाता है कि गृह मंत्रालय ने इसकी खाका भी तैयार कर लिया है। बताया जाता है कि सीएए उन गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिलाने में मदद करेगा, जिनके पास किसी तरह का कागजात-सुबूत नहीं है।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह संसद में भी बोल चुके थे कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू कर दिया जाएगा। यह देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। इस कानून पर संसद में 11 दिसंबर 2019 को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था। केंद्र सरकार अब इसे लागू करने की अवधि आठ बार बढ़ा चुकी थी।
अधिसूचना पर क्या बोले कांग्रेस नेता
नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है। इसके नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है। – जयराम रमेश, राष्ट्रीय महासचिव, कांग्रेस
कृषि मंत्री ने दिया ये बयान
सीएए पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जो लोग चीजों को केवल राजनीतिक चश्मे से देखते हैं, उनकी राय अलग हो सकती है, मैं इसमें नहीं जाऊंगा। लेकिन, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जो भी देश हित में हो, वो किया जाना चाहिए।
बंगाल की सीएम ने कहा, अभी कानून देखने दीजिए
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे कानून देखने दीजिए। अगर लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसका विरोध करेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का हथकंडा है, और कुछ नहीं। यह छह महीने पहले अधिसूचित करना चाहिए था।
क्या-क्या है सीएए का प्रावधान
– 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे।
– पाकिस्तान से आए लोगों को पाक उच्चायोग से नागरिकता त्याग प्रमाण-पत्र लेना होता था। अब इसकी अनिवार्यता समाप्त करने पर विचार हो रहा है।
– भारत के नागरिकों पर इस कानून का कोई प्रभाव न्रहीं पड़ेगा।
– नागरिकता के लिए दिए जाने वाले ऑनलाइन आवेदनों की प्रक्रिया निर्धारित समय पर होगी। दस्तावेज की ऑनलाइन जांच और सुरक्षा एजेंसियों की अनापत्ति प्रमाणपत्र के बाद नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
– इसके अंतर्गत भारत में रहने की अवधि पांच साल से अधिक रखी गई है। अन्य विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि न्यूनतम 11 वर्ष होगी।
– नागरिकता प्रमाणपत्र गृह मंत्रालय का विदेश विभाग जारी करेगा।
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