सेंट्रल डेस्क: Dattatreya Hosabale: अल्पसंख्यक कहने पर अलग-अलग प्रकार के भाव आते हैं, फिर यह देश किसका है। संघ शुरू से अल्पसंख्यकवाद की राजनीति का विरोध करता रहा है। भारत के संविधान में अल्पसंख्यक शब्द की जो धारणा है इस पर सभी को पुनर्विचार करने की जरूरत है और इस शब्द को पुनर्परिभाषित किया जाना चाहिए।
यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नवनिर्वाचित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का। नागपुर में तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से निर्वाचित होनेक बाद वे मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
Dattatreya Hosabale : एक है अपना देश, उसी के अनुरूप चले
अल्पसंख्यक कौन है? जब यह सवाल मीडिया की ओर से पूछा गया तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश एक है और उसी के अनुसार चले। संविधान के अनुच्छेद 30 में भी धार्मिक और भाषाई आधार पर अल्पसंख्यक की बात कही गई है।
राष्ट्रीयता के आधार पर सभी हिंदू: Dattatreya Hosabale
आरएसएस के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भी संघ के नजदीक आ रहे हैं। अल्पसंख्यक कहने पर सामान्यतः मुस्लिम और ईसाई आते हैं पर हम सभी को राष्ट्रीयता से हिंदू मानते हैं। उनमें कई लोग संघ से जुड़ कर काम कर रहे हैं। हम यह दिखाते नहीं हैं। वहीं वैसे भी लोग हैं जो अपने को हिंदू नहीं मानते हैं वैसे लोगों से वार्ता चलती रहती है। द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी के समय से लेकर आज तक जारी है। सरसंघचालक समय-समय पर बात करते रहते हैं। उनके तरफ़ से भी प्रस्ताव आता रहता है और वार्ता होती है।
संदेशखाली जैसी घटनाए न हों, इसपर ध्यान देना जरूरी
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने संदेशखाली जैसी घटनाएं देश में न हो इस पर सरकार एवं समाज को ध्यान देने की जरूरत बताते हुए उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष तक सभी मंडलों में संघ के कार्य को पहुंचाने, समाज के साथ मिलकर सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन व पर्यावरण संरक्षण आदि गतिविधियों को आगे बढ़ाने की बात कही। पंजाब में किसान आंदोलन की आड़ में बढ़ रही आतंकी गतिविधियों का विरोध भी किया।
सरकार के कार्यों का जनता ही देगी जवाब
केंद्र सरकार के कामकाज से क्या संघ संतुष्ट है? यह सवाल पूछे जाने पर सरकार्यवाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश का मान बढा है। विश्व में भारत की साख बढ़ी है। वैसे इसका विश्लेषण जनता कर रही है और आगामी चार जून को जवाब दे देगी। समान नागरिक संहिता के सवाल पर उन्होंने कहा कि संघ इसका स्वागत करता है।
Dattatreya Hosabale ने चुनावी बांड का किया समर्थन
चुनावी बांड की चर्चा आरएसएस की प्रतिनिधि सभा में तो नहीं हुई, लेकिन इसका प्रयोग किया जाना सही है। यह जवाब उन्होंने चुनाव बांड को लेकर पूछे गए सवाल पर दिया। साथ ही यह भी कहा कि समय-समय पर इसकी समीक्षा भी होनी चाहिए। ठीक उसी तरह जैसे जब ईवीएम लाया गया तो कई तरह की बातें आई। उसकी समीक्षा भी की गई।
शत-प्रतिशत मतदान के लिए जन जागृति करेंगे स्वयंसेवक
हम किसी पार्टी विशेष के लिए काम नहीं करेंगे। चुनाव में स्वयंसेवकों की भूमिका संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत मतदान को लेकर जन जाग्रति चलाने का काम स्वयंसेवक करेंगे। मथुरा और काशी से संबंधित सवाल पर कहा कि साधु संत अपने स्तर से कार्य कर रहे हैं। हर बीमारी की एक ही दवा नहीं होती है। समस्या के हिसाब से समाधान निकाला जाता है। फिलहाल मामला अभी न्यायालय में है।
सरकार्यवाह चुने जाने पर मोहन भागवत ने किया सम्मानित
नागपुर में चल रही आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन पहले सत्र में रविवार को सरकार्यवाह का चुनाव हुआ। सर्वसम्मति से दत्तात्रेय दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार्यवाह चुन लिए गए। फिर सरसंघचालक मोहन भागवत ने उन्हें सम्मानित किया। उसके बाद दत्तात्रेय ने पत्रकारों से बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए।
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